अध्यात्म

13 अप्रैल से शुरू हो रहा है हिंदू नववर्ष, 90 साल बाद बन रहा है एक खास संयोग

अंग्रेजी कलैंडर के अनुसार नव वर्ष 01 जनवरी से शुरू होता है और दुनिया भर में इसी दिन से नए साल की शुरुआत मानी जाती है। लेकिन भारतवर्ष में ऋतु परिवर्तन के साथ ही हिंदू नववर्ष प्रारंभ होता है। हिंदू धर्म के अनुसार नया साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है और इस दिन कई जगहों पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। ग्रन्थों के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को ही त्रिदेवों में से एक ब्रह्मदेव ने सृष्टि की रचना की थी।

इस बार हिंदुओं का नव वर्ष 2078 नवसंवत्सर, 13 अप्रैल 2021 से शुरू होने वाला है। पंडितों के अनुसार इस बार करीब 90 साल बाद खास संयोग बन रहा है। जिससे की ये नववर्ष और महत्वपूर्ण होने वाला है। संवत्सर प्रतिपदा और विषुवत संक्रांति दोनों एक ही दिन 31 गते चैत्र यानी 13 अप्रैल को हो रही है। ये विचित्र स्थिति 90 वर्षों से अधिक समय के बाद हो रही है।

सनातन धर्म के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही सृष्टि का आरंभ हुआ था। 13 अप्रैल मंगलवार से शुरू हो रहे नवसंवत्सर के दिन 2 बजकर 32 मिनट में सूर्य का मेष राशि में प्रवेश हो रहा है। संवत 2078 के ‘राक्षस’नाम से जाना जाएगा। चैत्र माह में शीत ऋतु खत्म हो जाती है और वसंत ऋतु शुरू होती है।

हिन्दू धर्म से नाता रखने वाले लोग नववर्ष के पहले दिन विशेष पूजा करते हैं और अत्यंत हर्षोल्लास से ये दिन मनाते हैं। इसलिए आप भी इस दिन विशेष पूजा करें। सुबह स्नान करने के बाद मंदिर जरूर जाएं और सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना उत्तम फल देता है और साल अच्छे से कट जाता है। हो सके तो इस दिन गरीब लोगों को दान भी करें। अपने से बड़े लोगों का आशीर्वाद भी लें और गुरुओं की पूजा भी करें।

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