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भारत के इस शहर में लगा 100 साल का लॉकडाउन, जारी हुआ आदेश, जाने पूरा मामला

पूरे देश में कोरोना का दूसरा फेस शुरू हो गया है। इस बार ये वायरस और भी ज्यादा खतरनाक लग रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि ये वायरस अब म्यूटन हो गया है। मतलब इसने खुद को पहले से ज्यादा मजबूत कर लिया है। इसलिए इसका इलाज पहले से थोड़ा पेचीदा भी हो गया है। हाल ही में कोरोना मामलों में बहुत तेजी देखने को मिली है। इस कारण कई राज्यों ने अपने शहरों में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। लॉकडाउन के माध्यम से इस कोरोना संक्रमित मरीजों की चेन को तोड़ा जा रहा है।

मध्य प्रदेश में भी कोरोना के कई मामले सामने आए हैं। यहां जबलपुर शहर में भी ये रफ्तार पकड़ रहा है। इस बीच यहां 100 साल का लॉकडाउन का आदेश चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल ऐसा आदेश जबलपुर बरगी की नायब तहसीलदार द्वारा जारी किया गया है। उनके हस्ताक्षर से ही यह 100 साल के आदेश वाला लॉकडाउन जारी हुआ है।

बात ये है कि तहसीलदार के आदेश पत्र में 3 अप्रैल 2021 से 19 अप्रैल 2121 तक के लॉकडाउन का उल्लेख किया गया है। इस आदेश पर नायब तहसीलदार सुषमा धुर्वे ने सील सहित हस्ताक्षर भी हैं। उनका यह आदेश पत्र अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस आदेश में देखा जा सकता है कि कैसे 3 अप्रैल रात्रि 10:00 बजे से लॉकडाउन के प्रभावी होने की बात बोली गई है। वहीं 19 अप्रैल 2121 से समस्त गतिविधियों को दोबारा संचालित करने का भी जिक्र है।

यदि आप जबलपुर जिले में आते हैं तो टेंशन न लें। यहां 100 साल का लॉकडाउन नहीं लग रहा है। जाहीर सी बात है कि इस आदेश पत्र में टाइपिंग मिस्टेक हुई है। लेकिन गौर करने की बात ये है कि इतने महत्वपूर्ण आदेश पत्र की टाइपिंग मिस्टेक को नजरअंदाज कर एक प्रशासनिक अधिकारी सील हस्ताक्षर कर आदेश कैसे जारी कर सकता है। सोशल मीडिया पर इसकी निंदा भी हो रही है।

बताते चलें कि जबलपुर में शनिवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक का 32 घंटे का लॉकडाउन रहेगा। हालांकि एक टायपिंग मिस्टेक के चलते 100 साल के लॉकडाउन की गलतफहमी पैदा हो गई थी। जबलपुर के इस लॉकडाउन में निजी व शासकीय संस्थायें, दुकान, होटल, प्रतिष्ठान और सभी सामान्य आवाजाही बंद रखी जाएगी। इसके अलावा रविवार के दिन शराब की दुकानें भी बंद रखने का आदेश है।

कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। इसलिए हमारी भी आपको यही सलाह है कि आप जब तक जरूरी न हो घर से बाहर न निकलें।

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