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3 ब्लेड VS 4 ब्लेड: कौन सा पंखा होता है बेहतर, किसकी हवा ज्यादा होती है? जाने सच्चाई

गर्मी का मौसम आ चुका है। इस भीषण गर्मी में राहत पाने में पंखे बड़े मददगार साबित होते हैं। खासकर सीलिंग फ़ैन पूरे कमरे में हवा फैला देते हैं। यदि आप ने नोटिस किया हो तो भारत में जीतने भी सीलिंग फ़ैन बिकते हैं इनमें से अधिकतर 3 ब्लेड वाले ही होते हैं। ऐसे में आप ने कभी सोचा है कि भारतीय पंखों में 3 ब्लेड ही क्यों होती है? जबकि दुनिया के बाकी हिस्सों में चार और पांच ब्लेड वाले पंखे भी यूज़ किए जाते हैं।

भारत में क्यों इस्तेमाल होते हैं 3 ब्लेड वाले पंखे?

3 ब्लेड वाला पंखा भारत में चलने की क्या वजह हो सकती है? क्या ऐसा इसलिए कि डिजाइन अलग रखना था? या किसी ने गलती से 3 ब्लेड वाला पंखा बना दिया और वही चल पड़ा? या फिर इसकी कोई वजह ही नहीं है और बस ये चलन चल रहा है? अरे! अरे! टेंशन मत लो। हम आपको कन्फ़्यूज़ नहीं करना चाहते बल्कि इसका सही जवाब देना चाहते हैं।

ये है वजह

दरअसल एक कमरे में चारों तरफ अच्छी हवा फेंकने के लिए 3 ब्लेड वाले सीलिंग फ़ैन ही परफेक्ट रहते हैं। ब्लेड जितनी कम होती है पंखे का परफ़ॉर्मेंस उतना ही बेहतर होता है। कम ब्लेड होने पर मोटर पर दबाव भी कम पड़ता है और ये शानदार परफ़ॉर्मेंस देता है। इसके अलावा कम ब्लेड की वजह से शोर भी कम ही होता है।

इसलिए यूज़ नहीं होती चार ब्लेड

वहीं पंखे की ब्लेड अधिक हो तो वह हवा अच्छे से नहीं फेंकता है। अधिक ब्लेड से मोटर पर दबाव भी अधिक पड़ता है। वहीं भारतीय मौसम गर्म होता है इस कारण भी यहां 3 ब्लेड परफेक्ट होती है। वहीं ठंडे देशों जैसे अमेरिका, कनाडा में पंखे का इस्तेमाल सप्लीमेंट के तौर पर किया जाता है। वहां AC ज्यादा चलते हैं। पंखा सिर्फ इस ठंडी हवा को रूम में फैलाने का काम करता है।

इसके विपरीत भारत में हर कोई AC अफोर्ड नहीं कर पाता है। उनकी गर्मी दूर करने का एक मात्र साधन पंखा ही होता है। यही वजह है कि इसकी अधिकतर परफ़ॉर्मेंस देने के लिए इसमें 3 ब्लेड लगाई जाती है। इसका एक फायदा ये भी होता है कि 3 ब्लेड लगाने की वजह से इसकी कीमत भी कम रहती है। ऊपर से ये इतना ज्यादा आवाज भी नहीं करता है। ब्लेड कम रहती है तो ये बिजली भी कम ही खींचते हैं।

बस इन सभी कारणों के चलते भारत में ज्यादातर 3 ब्लेड वाले पंखे ही बनते और बिकते हैं।

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