विशेष

19 साल के युवक ने भाभी को होली पर लगाया रंग, अगले दिन गांव में मिली लाश

होली (Holi) का त्योहार रंगों और खुशियों का त्योहार होता है। इस दिन सभी बैर भुलाकर एक दूसरे को रंगा जाता है। लेकिन उत्तर प्रदेश (Utter Pradesh) के बलिया जिले (Ballia District) में 19 साल के एक युवक को रिश्तेदार की भाभी को रंग लगाना महंगा पड़ गया। इस रंग लगाने की कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। दरअसल बीते मंगलवार की रात 19 साल के दुर्गेश पासवान का आंस चौरा गांव में शव मिला था। उसकी पीठ और छाती पर चाकू से हमले के निशान थे।

भाभी को रंग लगाया तो कर दी हत्या

जब पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि हत्यारा दुर्गेश का ही रिश्तेदार करण है। आरोपी करण ने दुर्गेश की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी थी क्योंकि उसने उसकी भाभी को होली वाले दिन रंग लगा दिया था। इस बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा भी हुआ था। फिर बाद में करण ने दुर्गेश को फोन पर बुलाया और योजनाबद्ध तरीके से उसकी हत्या कर दी। करण ने 19 साल के दुर्गेश की छाती और पीठ पर चाकू से वार किया।

ऐसे लगाया लाश को ठिकाने

दुर्गेश की हत्या करने के बाद करण ने उसकी खून से लथपथ लाश को आंस चौरा गांव में एक ट्यूबवेल के पास फेंक दिया. उधर दुर्गेश के पिता कामेश्वर ने बेटे के लापता होने पर मंगलवार को बांसडीह रोड थाने में शिकायत दर्ज करवाई। फिर पुलिस ने उसी रात दुर्गेश का शव ढूंढ निकाला और उसे जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

आरोपी ने कबूला जुर्म

शक के आधार पर पुलिस ने करण और एक अन्य शख्स संजीव को हिरासत में लिया। जब उनसे सख्ती से पूछताछ की गई तो उन्होंने अपना जुर्म काबुल कर लिया। उनके द्वारा दी गई निशानदेही के आधार पर पुलिस ने हत्या के लिए इस्तेमाल हुआ चाकू और दुर्गेश का मोबाईल फोन ढूंढ लिया। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के अंतर्गत मामला भी दर्ज किया गया।

यह पूरा मामला पर इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। हर कोई इस घटना को सुन हैरान है। किसी को यकीन नहीं हो रहा कि सिर्फ रंग लगाने की वजह से करण ने अपने रिश्तेदार की हत्या कर दी। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मृतक दुर्गेश ने करण की भाभी को किस नियत से और कैसे रंग लगाया था।

वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है? क्या आपको कभी कोई ऐसा मामला देखने को मिला है जहां महलाओं को रंग लगाने को लेकर विवाद खड़ा हुआ हो।

Back to top button