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यमराज का घर है सौरमंडल का ये ग्रह, सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में लगते हैं 248 साल

प्लूटो ग्रह को ‘यम ग्रह’ भी कहा जाता है। दरअसल इस ग्रह से कई अजीबोगरीब और रहस्यमय बातें जुड़ी हुई हैं। जिसके कारण इसे यम ग्रह का नाम दिया गया है। ये ग्रह काफी दूर है और इसकी खोज 18 फरवरी 1930 में हुई थी। कहा जाता है कि इस ग्रह की खोज गलती से हुई थी। खगोल विज्ञानी क्लीड डब्ल्यू. टॉमबॉघ ‘प्लैनेट एक्स’ नामक एक अज्ञात ग्रह की तलाश कर रहे थे। जो यूरेनस (अरुण ग्रह) और नेपच्यून (वरुण ग्रह) की कक्षाओं में गड़बड़ी पैदा कर रहा था। इसी दौरान उन्हें ये ग्रह दिखा।

वहीं जब इस ग्रह को खोजा गया था तो इसका नाम प्लूटो नहीं था। इस ग्रह को ये नाम ऑक्सफॉर्ड स्कूल ऑफ लंदन में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा वेनेशिया बर्ने ने दिया था। इस ग्रह को प्लूटो नाम देने के पीछे वेनेशिया बर्ने ने जो तर्क दिया था। उसके अनुसार रोम में अंधेरे के देवता को प्लूटो कहा जाता है और इस ग्रह पर भी लगभग हमेशा अंधेरा ही रहता है। ऐसे में इसका नाम प्लूटो रखा जाए। ये नाम सुझाने के लिए इस बच्ची को उस समय इनाम भी दिया गया था। वेनेशिया बर्ने को इनाम के तौर पर पांच पाउंड दिए गए थे। जो आज के हिसाब से करीब 499 रुपये होते हैं।

प्लूटो ग्रह से जुड़ी रोचक जानकारी-

1.प्लूटो को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में 248 साल लग जाते हैं।

2.इस ग्रह में एक दिन पृथ्वी के मुकाबले 6.4 दिन के बराबर होता है।

3.इस ग्रह में 24 घंटे लगभग 153 घंटे के बराबर होते हैं।

4.सूर्य की रोशनी प्लूटो तक पहुंचने में लगभग पांच घंटे लग जाते हैं। जबकि सूरज की रोशनी पृथ्वी पर आठ मिनट और 20 सेकेंड में पहुंच जाती है। दरअसल ये ग्रह काफी दूर है। जिसके कारण सूर्य की रोशनी यहां पर पहुंचने में इतना समय लग जाता है।

5.प्लूटो ग्रह पर बर्फ मौजूद है और यहां पानी की मात्रा पृथ्वी के सभी महासागरों से लगभग तीन गुना अधिक है। इसकी सतह पर बड़े-बड़े गड्ढे भी हैं।

6.तापमान कम होने के कारण इस ग्रह पर जीवन संभव नहीं है। इस ग्रह की सतह का तापमान माइनस 233 से माइनस 223 डिग्री सेल्सियसहै।

7.प्लूटो ग्रह को  सौरमंडल के सभी ग्रहों में से सबसे छोटा ग्रह होने का दर्जा प्राप्त था। लेकिन 2006 के बाद इसे इस सूची से हटा दिया गया। अब ये बौने ग्रहों की सूची में आता है।

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