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केजरीवाल की हार पर बोले अन्ना, बताई केजरी की हार की ये वजहें!

दिल्ली नगर निगम चुनावों में बीजेपी की जीत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बीजेपी अब देश की सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है। केवल यही नहीं अब जनता का पूरा भरोसा बीजेपी पर ही है। कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश में बीजेपी की भारी बहुमत से हुई जीत ने यह साबित किया था कि अब समय बदल चुका है। अब जनता बीजेपी के अलावा किसी और पार्टी को देखना नहीं चाहती है।

बीजेपी पर है लोगों का पूरा भरोसा:

दिल्ली नगर निगम चुनावों में कांग्रेस, आप और अन्य पार्टियों की बुरी तरह से हार हुई है। कांग्रेस तो अपनी जमानत भी नहीं बचा पायी। दिल्ली में इस जीत को देखकर लगता है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी की ही सरकार बनने वाली है। इस समय लोगों का पूरा भरोसा बीजेपी के ऊपर है।

हो गए दोनों के रास्ते अलग-अलग:

अन्ना हजारे को तो आप जानते ही हैं। वह देश के एक बहुत बड़े सामाजिक कार्यकर्ता हैं। कुछ समय पहले उन्होने जंतर मंतर पर अरविन्द केजरीवाल के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन किया और भूख हड़ताल भी की। उसके बाद अरविन्द केजरीवाल ने सत्ता में घुसने का फैसला कर लिया, जबकि अन्ना ने अपनी अलग राह चुनी। उसके बाद दोनों के रास्ते अलग-अलग हो गए।

बताये हुए रास्ते पर नहीं चले अरविन्द:

दिल्ली नगर निगम चुनावों में अरविन्द केजरीवाल की करारी हार के बाद अन्ना हजारे ने केजरीवाल की हार पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की हार का मुझे बहुत दुःख है। अरविन्द केजरीवाल उनके बताये हुए रास्ते पर नहीं चले, इसलिए उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। केवल यही नहीं उन्होंने केजरीवाल पर सत्ता के लोभ का भी आरोप लगाया।

केजरीवाल की कथनी और करनी में है फर्क:

अन्ना ने कहा कि सत्ता मिलने के बाद व्यक्ति को केवल कुर्सी ही दिखाई देती है। लोग समाज के लिए काम करना भूल जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि, “मैंने केजरीवाल को दिल्ली वालों के लिए काम करने की सलाह दी थी। लेकिन उन्होंने जो कहा वो नहीं किया। उनकी कथनी और करनी में फर्क था, इसलिए आप को हार का मुंह देखना पड़ा। चुनाव ने नतीजों ने यह साबित कर दिया है कि अब जनता का भरोसा आम आदमी पार्टी में कम हो गया है।

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