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खुदाई के दौरान मजदूरों के हाथ लगी 216 स्‍वर्ण मुद्राएं, बेचने गए बाजार लेकिन हो गया ये कांड

एक जगह खुदाई के दौरान सोने के सिक्‍के दो लोगों के हाथ लगे। जिसे इन्होंने प्रशासन से छुपाकर बेचने की कोशिश की। लेकिन ये इसमें असफल रहे और इन्हें पुलिस ने पकड़ लिया। ये घटना महाराष्ट्र के पुणे में स्थित पिंपरी चिंचवाड़ के चिखली इलाके की है। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार कंस्ट्रक्शन साइट पर खुदाई के दौरान 216 स्‍वर्ण मुद्राएं बरामद हुई थी। जिसे इन्होंने छुपा लिया था। इन्होंने सोचा की ये सोने के सिक्के बाजार में बेचकर पैसे कमा लेंगे। लेकिन ऐसा हो न सका और ये पुलिस के हाथों चढ़ गए।

पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा कि खुदाई के दौरान 216 स्‍वर्ण मुद्राएं बरामद हुई हैं। सिक्‍कों की जांच करने पर पता चला कि ये सिक्‍के मुगलकालीन हैं। इन सिक्‍कों की कीमत लगभग 70 हजार रुपये है। सिक्‍कों का कुल वजन 2357 ग्राम है। पुलिस नायक जमीर तंबोली को जानकारी मिली थी कि विठ्ठल नगर झुग्गी में रहने वाला सद्दाम खान पठान नाम का एक व्‍यक्ति कुछ सोने के सिक्‍कों को बाजार में बेचने की कोशिश कर रहा है। व्‍यक्ति पर शक होने पर तंबोली ने उसका पीछा किया और उसकी झोपड़ी की तलाशी ली। जिसमें काफी सारे सिक्‍के बरामद हुए। पूछताछ करने पर पठान ने पूरी बात पुलिस के बताई।

पठान ने पुलिस को बताया कि उसके ससुर मुबारक शेख और साले मेवना इरफान शेख को पुणे की एक कंस्ट्रक्शन साइट पर खुदाई के दौरान ये सिक्के मिले थे। दोनों मजदूरी करते हैं। इन सिक्कों के बारे में किसी को पता नहीं था। ऐसे में इन्होंने किसी को इन सिक्कों के बारे में जानकारी नहीं दी। पठान के अनुसार मुबारक शेख और साले मेवना इरफान शेख के कहने पर ही वो सिक्‍कों को बाजार में बेचने की कोशिश कर रहा था। ये मजदूर इन्‍हें बाजार में बेचकर पैसा एकत्रित करना चाहते थे। इस मामले में दोनों आरोपियों सद्दाम पठान और मुबारक शेख को हिरासत में ले लिया गया है। जबकि एक अन्‍य आरोपी फरार है। जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।

जानकारी के अनुसार ये मुगलकालीन स्‍वर्ण मुद्राएं बतायी जा रही हैं। ये सिक्के 1720 से 1750 यानी औरंगजेब के शासनकाल के हैं। ऐसी मुद्राएं राजस्‍थान के जयपुर में बनाई जाती थी। इन पर उर्दू और अरबी भाषा में लिखा हुआ है। इन मुद्राओं को पुरातत्‍व विभाग को सौंप दिया गया है। कंस्ट्रक्शन साइट की भी जांच की जा रही हैं जहां से ये मुद्राएं बरामद हुई थी।

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