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भारत के अलावा किसी और देश में मुस्लिम नहीं कर सकते ये काम, जानें!

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है पूरी दुनिया भारतीय लोकतंत्र की महानता को जानती है, दुनियाभर में लोग जानते हैं कि भारत का लोकतंत्र नागरिकों को सबसे ज्यादा स्वतंत्रता देता है. भारतीय लोकतंत्र लोगों को आजादी के साथ जीने का अधिकार देता है. भारतीय लोकतंत्र में नागरिकों की लिए कुछ मौलिक अधिकार बताये गए हैं जो उनकी कई तरह से स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है. भारतीय संविधान अभिव्यक्ति की आजादी देता है. विचारों की आजादी देता है अपने धार्मिक मान्यताओं को मानने और उनका संरक्षण करने की आजादी देता है. मौलिक अधिकारों को कोई भी व्यक्ति या व्यवस्था नागरिकों से नहीं छीन सकता है.

भारत में हर नागरिक एक सामान है :

 

भारत में हर नागरिक एक सामान है चाहे वह किसी भी जाती, धर्म सम्प्रदाय या पंथ से क्यों न जुड़ा हो. संविधान के लिए हर नागरिक बराबर है. इसीलिए भारत विविधताओं का देश है. दुनिया भर में बहुत से ऐसे नॉन मुस्लिम देश हैं जहां मुसलमानों के साथ गलत व्यव्हार होता है, उनके साथ भेदभाव होता है, लेकिन भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यक होकर भी अपनी धार्मिक आजादी के साथ खुले तौर पर स्वतंत्रता की सांस लेते हुए जीते हैं.

क्या आप जानते हैं भारत के संविधान और यहां की प्रशासनिक व्यवस्थाओं में मुस्लिम धर्म के लोगों को जितने अधिकार दिए गए हैं शायद ही किसी और देश में दिए गए होंगे. भारत में मुलिम वो काम कर सकते हैं जिनके लिए उन्हें अन्य राष्ट्रों में आजादी नहीं मिलेगी. भारत में मुसलमानों को दिए गए यह अधिकार इस प्रकार हैं.

पासपोर्ट आवेदन-

बहुत से राष्ट्रों में मुस्लिम लोगों को पासपोर्ट बनवाने का धिकार नहीं है या फिर है तो बहुत ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है मगर भारत में एक आम नागरिक कि तरह ही कोई भी मुसलमान व्यक्ति अपना पासपोर्ट बनवा सकता है उसके साथ कोई भेदभाव नहीं होता है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदायों के पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया अलग अलग है, यहां तक कि वहां अहमदिया समुदाय के मुस्लिमों के लिए पासपोर्ट बनवाना एक असंभव काम है.

धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार-

भारत में सभी धर्म के अनुयायियों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है. भारत में हर मुस्लिम व्यक्ति अपने धर्म और अपने धार्मिक रीति रिवाजों कों पूरी स्वतंत्रता के साथ पालन कर सकता है उन्हें किसी भी तरह की कोई रोक टोक नहीं होती है. रमजान के महीने में मुस्लिम लोग रोज़े रखते हैं, मुहर्रम में जुलूस निकालते हैं, मगर चीन जैसे देशों में ऐसा नहीं है, इस तरह से रमजान जैसे पवित्र महीने में भी उन्हें रोज़ा रखने की अनुमति नहीं मिलती है.

हज सब्सिडी-

पूरे विश्व में हर सच्चा मुसलमान अपने जीवन में एकबार हज पर जरूर जाना चाहता है, मगर यह यात्रा बहुत खर्चीली होती है, इसके लिए बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं, भारत सरकार मुस्लिम समुदाय के लोगों की भावनाओं के आदर में हज सब्सिडी का प्रावधान करती है, इससे बहुत बड़ी संख्या में मुस्लिम लोग हज यात्रा पर जाने में सफल हुए हैं भारत सरकार इस योजना को आजादी के बाद से अभी तक लगातार चला रही है.

किसी भी देश में जा सकते हैं मुस्लिम-

भारतीय नागरिकता प्राप्त मुस्लिमों को पूरे विश्व में पढने या नौकरी करने के लिए भेदभाव नहीं झेलना पड़ता. भारत के नागरिक होने की वजह से उन्हें सभी देशों में एंट्री मिल जाती है. मगर कुछ देश के मुस्लिम नागरिकों को सभी देशों में आने की इजाजत नहीं है, जैसे अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक और सीरिया के नागरिकों को कुछ राष्ट्रों ने प्रतिबंधित कर रखा है.

सामाजिक सदभाव-

भारत में सामाजिक सदभाव है, सभी समुदाय और धर्म के लोग एक दूसरे की धार्मिक गतिविधियों में पूरे मन और सहयोग के साथ शामिल होते हैं. होली, दिवाली, ईद और रमजान सब मिलकर मनाते हैं. हालांकि कभी कभी कुछ मुट्ठीभर कट्टरपंथी और खराब लोगों की वजह से ऐसी स्थिति या तस्वीर बनती है जिसे देखकर सवाल उठता है मगर इन एक दो वजहों से कोई भी भारत की धार्मिक सदभावना को नहीं नकार सकता.

भारत में सभी धर्म के लोग मिलजुल कर रहते हैं और हमेशा सदभावना के साथ रहते हैं. भारत विविधताओं का देश है, भारत की अनेकता में एकता है, और भारत की इन विशेषताओं को कोई भी नहीं नकार सकता यहां के मुसलमान भी देश से उतना ही प्यार करते हैं जितना हिन्दू या अन्य संप्रदाय के लोग.

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