राजनीति

सेना की नाक में दम करने के लिए कश्मीर में लड़कियों ने भी शुरू की पत्थरबाजी!

महिला पत्थरबाज : इस समय घाटी के हालात काफी खराब चल रहे हैं। एक तरफ सेना के जवान आतंकियों का सामना कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्हें कश्मीर में पत्थरबाजों का भी सामना करना पड़ रहा है। सोमवार के दिन कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर रही थीं, उसी समय घाटी में एक नई घटना घटी। पीडीपी नेता अब्दुल गनी डार की आतंकियों ने गोली मारकर पुलवामा में हत्या कर दी, तो दूसरी तरफ कश्मीर के सैकड़ों छात्र प्रदर्शन करने के लिए सड़क पर उतर गए थे।

छात्रों के ही प्रदर्शन की वजह से 5 दिन बाद दुबारा खुले सभी कॉलेजों को फिर से बंद कर दिया गया। केवल यही नहीं इस प्रदर्शन के दौरान कश्मीरी लडकियां भी जमकर पत्थरबाजी करती दिखाई दीं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएम मोदी और महबूबा मुफ्ती कश्मीर के बिगड़ते हालात पर बात करने के लिए मिल रहे थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महबूबा को पीएम मोदी ने कश्मीर की हालत सुधारने के लिए तीन महीने का समय दिया था।

पुलिस और छात्रों के बीच जमकर हुई मुठभेड़:

15 अप्रैल को पुलवामा डिग्री कॉलेज के छात्र पुलिस ज्यादतियों की वजह से प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों में जमकर मुठभेड़ हुई थी। इस संघर्ष में लगभग 50 लोगों के हताहत होने की पुष्टि हुई थी। इस वजह से कश्मीर के सभी स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई बंद हो गयी थी। सभी छात्र सड़कों पर प्रदर्शन करने में जुटे हुए थे।

मामला और गर्म हो गया जब एसपी हायर सेकण्ड्री स्कूल के छात्रों ने क्लास का बहिष्कार करके स्कूल का गेट तोड़कर बाहर आ गए और मौलाना आजाद रोड पर जाम लगा दिया। यहां पुलिस और छात्रों के बीच जमकर संघर्ष हुआ, जिसकी वजह से छात्रों ने सेना पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस मुठभेड़ में 12 पुलिस के जवान भी घायल हो गए साथ ही कई वाहनों को भी काफी नुकसान हुआ।

विमेंस कॉलेज की छात्राएं भी शामिल हुई संघर्ष में:

एक प्रयत्यक्षदर्शी के अनुसार छात्रों ने पाकिस्तान के झंडे दिखाकर नारे भी लगाए और जमकर पत्थरबाजी की। पुलिस ने बताया कि एसपी हायर सेकण्ड्री और विमेंस कॉलेज के बच्चे पढ़ाई कर रहे थे, तभी कुछ शरारती तत्व वहां आ गए और हंगामा कर दिया। पुलिस को उपद्रवियों को रोकने के लिए गोलियां भी चलानी पड़ी। इस मामले में छः छात्रों को हिरासत में लिया गया है। विमेंस कॉलेज की छात्राएं भी इस संघर्ष में शामिल हो गयीं और जमकर उत्पात मचाया।

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