अध्यात्म

देश के ऐसे मंदिरों की लिस्ट जहां केवल महिलाओं को ही जाने दिया जाता है, नहीं घुस सकता कोई मर्द

भारतीय संस्कृति में मदिरों का महत्त्व बहुत है. मंदिर एक ऐसी जगह जहां इंसान का मन लगता हो, जहां उसे शांति मिलती हो और इन सब के साथ मिलते हो भगवान् के दर्शन. हर किसी को मंदिर की बनावट, प्रसाद और परिसर में मौजूद दिव्य शक्ति एक अनूठा एहसास कराती है. अगर इन मंदिरों में जानें से किसी को रोका जाए तो यक़ीनन हर किसी को आत्मा को ठेस पहुंचेगी.

आपको बता दें कि भारत में कई ऐसे मंदिर है, जहां नारियों का जाना मना है. महिलाओं को इन मंदिरों में प्रवेश नहीं दिया जाता. इसके साथ ही भारत में कई ऐसे भी मंदिर है जो पूरी तरह से महिला भक्तों के लिए समर्पित है. मतलब यह कि इन मंदिरों में पुरुषों का जाना मना है, इनमे केवल महिलाएं ही जा सकती है. हम आपको ऐसे ही 5 मंदिरों के बारे में बताने जा रहे है.


बिहार का राजराजेश्वरी माता मंदिर
बिहार के मुजफ्फरपुर में स्तिथ यह मंदिर आमतौर पर सभी लोगों के लिए खुला रहता है. इस मंदिर के बारे में माना जाता है कि मंदिर में विराजमान षोडशी देवी कुमारी कन्या हैं. इसके साथ ही वह हर महीने में 4 दिन रजस्वला यानि की पीरिएड्स में होती है. इसी दौरान कोई भी पुरुष इस मदिर में नहीं जा सकता. यह नियम इतना सख्त होता है कि इन दिनों में मंदिर का पुजारी भी गर्भगृह में नहीं जा सकता.

कन्याकुमारी में कुमारी अम्मन मंदिर
कन्याकुमारी में मौजूद कुमारी अम्मन मंदिर के गर्भगृह स्थान में मां भगवती दुर्गा की प्रतिमा है. इस मंदिर में ब्रह्मचारियों और संन्यासियों को केवल मंदिर के द्वार तक जाने की ही अनुमति प्रदान है. वहीं जिन पुरुषों की शादी हो चुकी है उन्हें इस मंदिर के परिसर में प्रवेश करने से पहले ही रोक दिया जाता है. इस मंदिर के बारे में कहानी है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए यही तपस्या की थी. इस मंदिर में हां भगवती के कन्या रूप की पूजा की जाती है. इस मंदिर में केवल महिलाएं ही जा सकती हैं.

आंध्र में मौजूद कामाख्या देवी मंदिर
कामाख्या देवी का मंदिर आंध्र प्रदेश के विशाखापट्‌टनम में स्तिथ है. आपको बता दें कि इस मंदिर परिसर में सिर्फ महिलाओं को पूजा करने का अधिकार है. इस मंदिर की पुजारी भी एक महिला ही है. इस मंदिर में पुरुषों आना माना है.

राजस्थान में ब्रह्माजी का मंदिर
राजस्थान के पुष्कर में ब्रह्मा जी का मंदिर स्थित है. यह मंदिर शादीशुदा मर्दों को प्रवेश नहीं करने देता. कहा जाता है कि ये मंदिर दुनिया में अकेला ही ब्रम्हा जी का मंदिर है. एक कहावत प्रचलित है कि भगवान ब्रह्मा ने पुष्कर झील में पत्नी देवी सरस्वती के साथ एक यज्ञ का आयोजन किया था, लेकिन सरस्वती जी किसी बात को लेकर नाराज हो गईं थी. इसी समय उन्होंने इस मंदिर को श्राप दे दिया था कि किसी शादीशुदा व्यक्ति को आंतरिक परकोटे में जाने की इजाजत नहीं होगी अन्यथा उसके वैवाहिक जीवन में परेशानी आएगी.

केरल का अट्टुकल भगवती मंदिर
केरल के अट्टुकल भगवती मंदिर में महिलाओं का दबदबा है. इस मंदिर में हर साल पोंगल का त्यौहार उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दौरान इसमें लाखों महिला श्रद्धालु हिस्सा लेती है. ये पर्व यहाँ लगभग 10 दिनों तक चलता है. इसे नारी पूजा भी कहते है. इस अवधी के दौरान यहाँ पुरुषों का प्रवेश भी वर्जित होता है. यहां के पुरुष पंडित दिसंबर में महिलाओं के लिए 10 दिन का व्रत रखते हैं और इस दौरान आने वाले पहले शुक्रवार को महिला श्रद्धालुओं के पैर धोते हैं. इसे धनु कहा जाता है. इस मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है.z

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