अध्यात्म

कालसर्प दोष से आपको मुक्ति दिलाएंगे महादेव, आने वाली शिवरात्रि पर कर लें बस ये आसान से उपाय

शास्त्रों और ज्योतिषों के मुताबिक नागपंचमी आदि विशेष अवसरों पर अगर ये उपाए किए जाएं तो बहुत ही शुभ परिणाम प्राप्त होता है. इस बार 11 मार्च, गुरुवार को महाशिवरात्रि का पर्व है. इस दिन आप इन उपायों को कर सकते हैं, जो इस प्रकार हैं.

1. महाशिवरात्रि के दिन पर कच्चा दूध, सफेद फूल, सफेद कपड़ा व सफेद मिठाई नदी में बहा देवे व शेषनाग से कालसर्प दोष शांति के लिए प्रार्थना करें.
2. महाशिवरात्रि पर सुबह स्नान आदि करने के बाद चांदी के नाग व नागिन की पूजा करें और नदीं में बहा दें.
3. महाशिवरात्रि वाले दिन आप लघु रुद्र का पाठ स्वयं करें या किसी योग्य पंडित से इसे करवाएं. ये पाठ विधि-विधान पूर्वक होना जरुरी हैं.
4. महाशिवरात्रि वाले दिन शाम को पीपल के वृक्ष की पूजा करें तथा उसके नीचे एक दीपक जला कर रख देवे. इसके साथ ही नवनाग स्त्रोत का पाठ भी करें.
5. महाशिवरात्रि के अवसर पर घर में कालसर्प दोष निवारक यंत्र की स्थापना करें व रोज उसकी पूजा करें.
6. महाशिवरात्रि के अवसर पर सुबह किसी शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर तांबे का नाग चढ़ाएं व वहीं बैठकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करें.


महाशिवरात्रि हिन्दुओं के सबसे बड़े त्यौहार में से एक हैं. शिवरात्रि हमेशा फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती हैं. मंदिरों में अभी से इसके लिए साज़ सज्जा की जा चुकी हैं. इसके साथ ही शिव भक्तों को भी इस त्यौहार का बेसब्री से इंतज़ार हैं. इस बार ये त्यौहार 11 मार्च को आ रहा हैं. शास्त्रों और ग्रंथों के मुताबिक इस दिन भगवान् शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे.

क्या होता हैं कालसर्प दोष
किसी भी व्यक्ति के जन्मांग चक्र में राहु और केतु की स्थिति आमने सामने की तरफ होती हैं. ये दोनों ही ग्रह 180 डिग्री पर रहते हैं. यदि बाकी सात ग्रह राहु केतु के एक तरफ हो जाएं और दूसरी ओर कोई ग्रह नहीं बचे तो ऐसी स्थिति में कालसर्प योग बनता है.

कालसर्प योग के लक्षण
जातक को प्राय: सपने में सांप का दिखाई देना, अत्यधिक मेहनत के बाद भी कार्यों में मन मुताबिक सफलता न मिल पाना, सही समय पर सही निर्णय न ले पाना, कलहपूर्ण पारिवारिक जीवन का होना, मानसिक तनाव से हमेशा ग्रस्त रहना, गुप्त शत्रुओं का होना साथ ही कार्य में बाधा.

पूजा का शुभ मुहूर्त : महाशिवरात्रि त्रयोदशी तिथि- 11 मार्च 2021 (गुरुवार), चतुर्दशी तिथि प्रारंभ– 11 मार्च, दोपहर 2 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी, चतुर्दशी तिथि समाप्त– 12 मार्च, दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर.

महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए-
ॐ शिवाय नम:, ॐ महाकालाय नम:, ॐ अंगारेश्वराय नम:

 

महाशिवरात्रि पर महामृत्युंजय जाप करने से शारीरिक, मानसिक व तांत्रिक परेशानी तथा पारिवारिक समस्याएं समाप्त हो जाती हैं. शास्त्रों के मुताबिक जिस घर में महामृत्युंजय यंत्र की पूजा रोज की जाती है, वहां किसी तरह की परेशानियां कभी नहीं आती हैं. शास्त्रों के मुताबिक महाशिवरात्रि पर अगर महामृत्युजंय यंत्र लाकर अपने पूजा स्थान पर स्थापित कर रोज उसकी विधि विधान से पूजा की जाए तो घर में सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहती है.

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

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