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गुजरात दंगों के समय इस शख्स ने बचायी थी पीएम मोदी की जान, कहा- नहीं करता एनकाउंटर तो गुजरात बन जाता कश्मीर!

गुजरात दंगा : दंगों के दौरान कथित रूप से फर्जी एनकाउंटर करने के आरोपी और गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी बंजारा ने एक सम्मान समारोह में गुजरात दंगों के समय से जुड़ा एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने दावा किया कि अगर उस समय वह एनकाउंटर नहीं करते तो शायद आज देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जीवित नहीं होते. उन्होंने गुजरात की तत्कालीन स्थितियों का हवाला देते हुए कहा कि अगर उस समय एनकाउंटर नहीं किये होते तो गुजरात आज कश्मीर बन चुका होता.

गुजरात दंगा, उनके एनकाउंटर कानूनी रूप से बिल्कुल उचित थे:

डीजी बंजारा ने दावा किया कि उनके एनकाउंटर कानूनी रूप से बिल्कुल उचित थे. उन्होंने किसी भी एनकाउंटर में कानून का उल्लंघन नहीं किया है. वह एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम उनको सम्मानित करने के लिए रखा गया था. उन्होंने अपने सभी एनकाउंटरों को कानून के दायरे में किये गए एनकाउंटर बताया. और दावा किया कि अगर वो उस समय एनकाउंटर नहीं करते तो आज पीएम मोदी जिन्दा नहीं होते.

गौरतलब है कि बंजारा काफी लम्बे समय से जेल में बंद थे. उनपर आरोप था कि वह गुजरात में हुए दंगों के दौरान पार्टी विशेष के प्रति झुकाव रखते हुए कार्रवाई किये और उसका फायदा किसी खास पार्टी को मिला. इतना ही नहीं उनपर आरोप है कि उन्होंने फर्जी एनकाउंटर कर बेगुनाहों की जान ली है. इससे पहले भी डीजी बंजारा कई विवादों में घिरे रह चुके हैं. लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने जेल में रहते हुए एक चिट्ठी लिखी थी जो काफी विवादों में घिरी थी. चिट्ठी में उन्होंने कथित रूप से दंगों और एनकाउंटर के लिए तत्कालीन राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया था.

काफी लम्बे समय से बंजारा जेल में बंद थे :

कथित फर्जी एनकाउंटर के आरोप में काफी लम्बे समय से बंजारा जेल में बंद थे. बीते दिनों उनकी रिहाई हुई है, इसके बाद से ही वह गुजरात के अलग अलग हिस्सों में जनसभाएं कर रहे हैं. अब तक वह 56 जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं. इसी क्रम में अहमदाबाद में उन्होंने एक सम्मान समारोह में सोमवार को यह बात कही. समारोह में उन्हें 10 रूपये के सिक्कों से तौला गया. और फिर उन्होंने जनसभा को संबोधित किया.

उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया और कहा कि अगर मैं एनकाउंटर नहीं करता तो आज गुजरात कश्मीर बन गया होता. माना जा रहा है कि वह ऐसे बयान अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिए भी दे रहे हैं.

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बंजारा गुजरात के अगले विधानसभा चुनावों में चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसलिए वह जनसभाएं कर रहे हैं और बहुत ज्यादा सक्रिय भी हैं. हालांकि अभी तक उन्होंने ऐसी किसी भी बात का खुलासा नहीं किया है. साथ ही यह भी स्पष्ट नहीं है कि वह किस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. लेकिन उनके बयानों से अटकलें लगायी जा रही हैं कि वह बीजेपी से टिकट की उम्मीद कर रहे हैं.

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