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साहब हमको फांसी लगते-लगते अभी वर्षों लग जाएंगे, शबनम के प्रेमी सलीम को नहीं फांसी का डर

प्रेमिका शबनम के साथ मिलकर उसके परिवार के सात लोगों को मारने वाले सलीम को फांसी की सजा का जरा भी डर नहीं है। सलीम को लगता है कि बेशक ही उसे फांसी की सजा दी गई हो, लेकिन उसे इतनी जल्दी फांसी नहीं होने वाली है। सलीम का कहना है कि साहब! काहे परेशान हो रहे हो, इतनी जल्दी मुझे न लगेगी फांसी वासी, यहां ऐसे थोड़े फांसी लग जाती है। इतने विकल्प खुले हैं। हमको फांसी लगते-लगते अभी वर्षों लग जाएंगे। सलीम की इस बात से साफ है कि उसे फांसी की सजा से डर नहीं लग रहा है और न ही अपने किए पर उसे जरा सा भी दुख नहीं है।

सलीम की जेल के साथी बंदियों के अनुसार जब जेल अधिकारी ने सलीम से कहा कि अब तो तुम्हें फांसी होकर रहेगी, तो उसने ये जवाब दिया कि यहां बचने के इतने विकल्प है कि फांसी होने में वर्षों लग जाएंगे। परेशान मत होइए साहब, हमें इतनी जल्दी कुछ नहीं होने वाला है। दरअसल सलीम इस समय प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। इस जेल में इसे 27 सितम्बर 2018 को लाया गया था। इससे पहले ये बरेली जेल में बंद था। बरेली की जेल में फांसी की सुविधा नहीं होने की वजह से सलीम को यहां शिफ्ट किया गया था।

सलीम जब बरेली जेल में था तो उस समय वहां के प्रभारी पीएन पांडेय ही थे। जो की अब नैनी सेंट्रल जेल के सीनियर सुप्रीटेंडेंट हैं और डीआईजी का भी चार्ज देख रहे हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय ने सलीम के बारे में बताया कि उसने जेल में ही लकड़ी के काम का प्रशिक्षण लिया था। वो बढ़ई का काम बहुत बढ़िया करता है। सलीम बहुत शानदार फर्नीचर बनाता हैं। वहीं 7 लोगों की हत्या के मामले में पीएन पांडेय ने बताया कि सलीम को कोई पश्चाताप न पहले था और न आज है।

इन्होंने ने बताया कि वो जेल में सही से रहता था और उसका व्यवहार भी सबसे अच्छा रहता है। वो साथी कैदियों की मदद भी करता है। पांच वक्त का नमाजी है। वहां हर समय शबनम को जरूर याद करता रहता है।

गौरतलब है कि सलीम ने अपने प्रेमिका शबनम के कहने पर उसके माता-पिता, दो भाई, एक भाभी, रिश्ते की बहन को कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। ये हत्याकांड अमरोहा के बावनखेड़ी में 14 अप्रैल 2008 को हुआ था। घर के सभी सदस्यों की मौत के आरोप में पुलिस ने शबनम और सलीम को गिरफ्तार किया था। इन पर कई सालों तक केस चला था। जिसके बाद कोर्ट ने इन दोनों को फांसी की सजा सुनाई थी। जिस वक्त शबनम ने सलीम के साथ मिलकर उसके परिवार को मारा था। उस समय शबनम गर्भ से थी। शबनम और सलीम का एक बच्चा है, जो इनके दोस्त के पास है।

इस वजह से की हत्या

शबनम और सलीम एक दूसरे से प्यार करते थे, लेकिन शबनम के परिवार को ये रिश्ता मंजूर नहीं था। जिसके कारण इन्होंने परिवार के हर सदस्य की हत्या कर दी। शबनम ने दो विषयों में मास्टर डिग्री ले रखी थी। वो एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका थी।

सलीम की प्रेमिका शबनम ने अपनी फांसी की सजा को माफ करने के लिए दया याचिका राष्ट्रपति को दी थी। जिसे हाल ही में खारिज कर दिया गया है। जिसके बाद शबनम को फांसी की सजा देना तय है। लेकिन अभी तक फांसी की तारीख तय नहीं हुई है।

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