राजनीति

कांग्रेस में फिर बवाल, पार्टी से नाराज सिब्बल बोले- हमारी पार्टी कमजोर होती दिखाई दे रही है

कांग्रेस हाईकमान में जारी अंतर्कलह एक बार फिर सामने उभरकर आई है. शनिवार को कांग्रेस के कई बड़े नेता जम्मू (Jammu) पहुंचे. इनमें कपिल सिब्बल, हाल ही में राज्यसभा से विदा हुए गुलाम नबी आजाद, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा और राज बब्बर आदि शामिल रहे. बता दें कि, इन कांग्रेसी नेताओं को G-23 के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने पिछले साल पत्र लिखकर कांग्रेस हाईकमान पर सवाल उठाए थे. एक बार फिर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला है.

जम्मू में आज कांग्रेस नेताओं ने अपनी ही पार्टी की कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. हालांकि कांग्रेस नेताओं का यह रवैया कांग्रेस पर ही भारी पद सकता है. दरअसल, आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल और असम सहित देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव का आयोजन होना है. ऐसे में बड़े नेताओं की पार्टी से नाराजगी पार्टी को भारी नुक्सान पहुंचा सकती है.

जम्मू में शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने हाल ही में राज्यसभा से रिटायरमेंट ले चुके गुलाम नबी आजाद के रिटायरमेंट पर सवाल खड़े किए हैं. सिब्बल ने कहा कि, ‘हम नहीं चाहते थे कि आजाद साहब संसद से जाएं. हमें दुख हुआ. आजाद कांग्रेस की असलियत जानते हैं, जमीन को जानते हैं. मुझे यह बात समझ नहीं आई कि कांग्रेस इनके अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है?’ कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि, ‘सच्चाई ये है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिखाई दे रही है और इसलिए हम यहां एकत्रित हुए हैं. हमें इकट्ठे होकर पार्टी को मजबूत करना है. गांधी जी सच्चाई के रास्ते पर चलते थे, ये सरकार झूठ के रास्ते पर चल रही है.’

आनंद शर्मा ने नेतृत्व को लिया आड़े हाथ…

कार्यक्रम में आनंद शर्मा ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने बिना नाम लिए नेतृत्व पर सवाल खड़े किए. शर्मा ने कहा कि, ‘मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, कांग्रेस ओहदा दे सकती है पर नेता वही बनते हैं जिनको लोग मानते हैं.’ आगे अपने भाषण में गुलाम नबी आजाद के रिटायरमेंट पर आनंद शर्मा ने कहा, ‘किसी को भी गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि ये कोई रिटायरमेंट है, ये कोई सरकारी नौकरी नहीं है. आजाद भारत में लेह और लद्दाख का विलय हुआ है और मैं आज भी नहीं मानता कि ये स्टेट नहीं है UT है. आनंद शर्मा के मुताबैक, ‘भारत एक नाम, एक विचारधारा पर नहीं चल सकता है.’

‘राज्य सभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं’ : गुलाम

कार्यक्रम को गुलाम नबी आजाद ने भी सम्बोधित किया और इस दौरान गुलाम ने कहा कि, ‘मैं राज्य सभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से रिटायर नहीं हुआ और मैं संसद से पहली बार रिटायर नहीं हुआ हूं.’ साथ ही आगे आजाद ने कहा कि, ‘आज कई बरसों बाद हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं, हमारी पहचान खत्म हो गई है. राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी. जब तक यहां चुने हुए नुमाइंदे मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे बेरोजगारी, सड़कों और स्कूलों की ये हालत जारी रहेगी.’

नाराजगी की वजह आजाद का उचित सम्मान नहीं देना भी …

कांग्रेस नेताओं की नाराजगी की कई वजह बताई जा रही है. इनमे एक ख़ास वजह गुलाम नबी आजाद के साथ सम्मानपूर्ण व्यवहार न होना अभी बताया जा रहा है. कुछ दिनों पहले ही आजाद की राज्यसभा से विदाई हुई थी, जो कि काफी चर्चा में भी रही. लेकिन पार्टी की ओर से गुलाम के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाया गया. जबकि ऐसे समय में दूसरी पार्टियां और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुलाम के लिए सम्मान जाहिर कर रहे थे.

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