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सोशल मीडिया पर गलत कंटेंट दिखना पड़ेगा भारी, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस

केंद्र सरकार ने OTT प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया और डिजिटल न्यूज के लिए नई  गाइडलाइन जारी की हैं। जिसके जरिए इन पर दिखाए जाने वाले गलत कंटेंट पर लगाम लगाने की कोशिश की जाएगी। आज सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नई गाइडलाइन की जानकारी दी और कहा कि OTT और डिजिटल न्यूज पोर्टल्स को खुद को नियंत्रित करने की व्यवस्था बनानी चाहिए। जिस तरह फिल्मों के लिए सेंसर बोर्ड है, वैसी ही व्यवस्था OTT के लिए हो। इस पर दिखाया जाने वाला कंटेंट उम्र के हिसाब से होना चाहिए।

वहीं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘हमें शिकायत मिली थी कि सोशल मीडिया क्रिमिनल, आतंकवादी और हिंसा फैलाने वालों को प्रमोट किया जा रहा है और ऐसा करने के लिए कई प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं।  भारत में वॉट्सऐप के यूजर्स 50 करोड़ हैं। फेसबुक के 41 करोड़ यूजर्स हैं, इंस्टाग्राम यूजर्स की संख्या 21 करोड़ और ट्विटर के 1.5 करोड़ यूजर्स हैं। इन सभी प्लेटफॉर्म के जरिए फेक न्यूज फैलाने की कई शिकायत सरकार के पास आई थी। जिसके बाद सरकार ने ऐसे प्लेटफार्म्स के लिए गाइडलाइन तैयार करने का फैसला लिया था। अब सोशल मीडिया पर अगर कोई गलत कंटेंट डाला जाता है तो उसे 24 घंटे के भीतर हटाना होगा। साथ में ये पता होना बहुत जरूरी है कि गलत ट्वीट या कंटेंट पहली बार किसने पोस्ट किया।

रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘सोशल मीडिया का देश में स्वागत है। वो यहां आएं बिजनेस करें, पैसा कमाएं, भारतीयों को मजबूत करें। हां, भारत की एकता और अखंडता का ध्यान रखना होगा। सोशल मीडिया में डबल स्टैंडर्ड नहीं होना चाहिए। अगर अमेरिका में कैपिटल हिल्स पर अटैक होता है तो आप पुलिस की कार्रवाई का समर्थन करते हैं। अगर भारत में लाल किले पर हिंसक हमला होता है तो आप डबल स्टैंडर्ड अपनाते हैं। ये साफतौर पर हमें मंजूर नहीं है।’

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘डिजिटल मीडिया और न्यूज पोर्टल की तरह करोड़ों लोग OTT प्लेटफॉर्म पर आ गए हैं। जो प्रेस से आते हैं, उन्हें प्रेस काउंसिल का कोड फॉलो करना होता है, पर डिजिटल मीडिया के लिए बंधन नहीं है। टीवी वाले केबल नेटवर्क एक्ट के तहत कोड फॉलो करते हैं, पर OTT प्लेटफॉर्म के लिए ऐसा नियम नहीं है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज जो भी गाइडलाइन जारी की गई हैं, वे सभी नोटिफिकेशन जारी होते हुए ही प्रभाव में आ जाएंगी।

ये हैं सोशल मीडिया के लिए गाइडलाइंस

  • जो नई गाइडलाइंस सरकार की ओर से जारी की गई है। उसके तहत यूजर्स को अपनी शिकायत के निपटारे के लिए एक फोरम मिलेगा।
  • इन प्लेटफॉर्म में शिकायतों के निपटारे के लिए मैकेनिज्म बनेगा और एक अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। इस अधिकारी को 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करनी होगी और इसका निपटारा 15 दिन के भीतर करना होगा।
  • अगर कोई अदालत या सरकारी संस्था किसी आपत्तिजनक ट्वीट या मैसेज के फर्स्ट ओरिजिनेटर की जानकारी मांगती है। तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ये जानकारी देनी होगी।
  • महिलाओं के लिए अगर कोई आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट की जाती है तो शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर कंटेंट हटाना होगा।
  • कंपनियों को हर महीने एक रिपोर्ट देनी होगी कि कितनी शिकायतें आईं हैं और उन पर क्या कार्रवाई की गई है।
  • अगर किसी सोशल मीडिया यूजर के कंटेंट को हटाना है। तो उसे ऐसा करने की वजह बतानी होगी और उनका पक्ष भी सुनना होगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में यूजर के रजिस्ट्रेशन के लिए वॉलेंटरी वेरिफिकेशन मैकेनिज्म होगा।

OTT और डिजिटल न्यूज के लिए नई गाइडलाइन –

  • OTT और डिजिटल न्यूज के लिए 3 चरणों का मैकेनिज्म होगा।  शिकायतों के निपटारे के लिए सिस्टम बनाया जाएगा।
  • इन्हें सेल्फ रेगुलेशन बॉडी बनानी होगी। जिसे सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज या फिर इसी कद का कोई व्यक्ति लीड करेगा।
  • फिल्मों की तरह ही OTT प्लेटफॉर्म को भी प्रोग्राम कोड फॉलो करना होगा। कंटेंट के बारे में उम्र के लिहाज से क्लासिफिकेशन करना होगा।
  • कंटेंट किस आयु वर्ग के लिहाज से उचित है। ये तह करना होगा और उसे 13+, 16+ और A कैटेगरी में बांटा जाएगा।
  • पैरेंटल लॉक व्यवस्था होनी चाहिए। ताकिअभिभावक अपने बच्चों के लिए ऐसे कंटेंट को ब्लॉक कर सकें, जो ठीक नहीं है।
  • किसी पोस्ट या मैसेज के ओरिजिनेटिंग सोर्स की पहचान करनी होगी। भारत की एकता-अखंडता, सामाजिक व्यवस्था, रेप, यौन शोषण, बाल शोषण जैसे मामलों में सजा 5 साल से कम नहीं होगी।

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