स्वास्थ्य

मधुमेह रोगियों के लिए अमृत है जामुन, जानिए कैसे

एशिया में मधुमेह रोगियों की संख्या सबसे ज्यादा तो है ही, साथ ही देश-विश्व में यह रोग तेजी से बढ़ रहा है। या यूं कहिए कि यह समस्या अब आम हो चली है। लेकिन, इस रोग से बचाव बेहद आसान है। जी हां-जामुन खाकर। हो सकता है कि आपको यकीन न हो लेकिन सच यही है कि भारत का स्वेदशी पेड़ जामुन डायबिटीज रोग के उपचार की ताकत रखता है।

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वैसे, डायबिटीज या मधुमेह के घरेलू नुस्खे के तौर पर जामन सालों साल से भारतीय परिवारों के बीच जाना जाता रहा है, लेकिन आधुनिक समय में हुई कई शोध ने इस फल का महत्व और बढ़ा दिया है। अब ये साबित हो चुका है कि डायबिटीज के उपचार में जामुन का फल, बीज, पेड़ की छाल का खासा महत्व है। फल मंडियों में आम के साथ-साथ आजकल धूम मचा रहे खूबसूरत काले जामुन में इसके औषधीय गुण चार चांद लगाते हैं क्योंकि यह महामारी का रूप ले रही मधुमेह रोग समेत कई बीमारियों के उपचार में रामबाण का काम करता है।

जामुन गुणों का भंडार है। इसमें विटामिन बी और आयरन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। एनीमिया (खून की कमी) के मर्ज को दूर करने में और रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए जामुन का सेवन लाभप्रद है। यही नहीं जामुन सेवन से त्वचा का रंग निखरता है। जिन लोगों को ‘सफेद दाग’ का मर्ज है, उन्हे जामुन खाना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार मधुमेह टाइप-2 को नियंत्रित करने में भी जामुन सहायक है। इसके लिए जामुन की गुठली के चूर्ण की 5 ग्राम मात्रा का सुबह नाश्ते में और दोपहर के भोजन के बाद और फिर शाम के नाश्ते में और रात के भोजन के बाद सेवन करना चाहिए। इस प्रकार मधुमेह के रोगी दिन में 15 से 25 ग्राम मात्रा में जामुन की गुठली के चूर्ण का प्रयोग कर सकते है।

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जामुन का फल्‍ा और इसकी गुठली असाधारण रुप से रक्त शर्करा की अधिकता को नियंत्रित करने की अद्भुत क्षमता रखती है। औसतन 100 ग्राम जामुन में 62 किलो कैलौरी ऊर्जा, 1.2 मिली ग्राम लोहा, 15 मिली ग्राम कैल्शियम, 15 मिली ग्राम फास्फोरस 18 मिलीग्राम विटामिन सी, 48 माइक्रोग्राम कैरोटीन,55 मिलीग्राम पोटेशियम,35 मिली ग्राम मैग्नीशियम और 25 मिलीग्राम सोडियम पाया जाता है।

जानकार लोग बताते है कि जामुन का सेवन खाने के बाद किया जाना चाहिए। आयुर्वेद के मुताबिक जामुन वात दोषकारक है। लेकिन,वात रोग पीड़ित शख्स को बहुत ज्यादा जामुन नहीं खाने चाहिए। जामुन का सिरका पेट दर्द,गैस,अतिसार,हैजा आदि रोगों में औधधि की तरह है। एक रिसर्च के मुताबिक,जामुन में रक्त स्राव रोकने की अद्भुत क्षमता है। ये मसूड़ों में होने वाले रक्त स्राव में बेहद उपयोगी है। जामुन और आंवले के रस को समान मात्रा में मिलाकर पीने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है।

एक मान्यता के अनुसार जामुन का फल गर्भवती महिलाओं को खिलाने से उनके होने वाले बच्चे के होंठ सुन्दर होते है। जामुन के बीज से बने पाउडर को आम के बीज के पाउडर के साथ मिलाकर सेवन करने से डायरिया में काफी राहत मिलता है। कुल मिलाकर जामुन में एक से बढ़कर एक गुण हैं। इन्हें खाइए…और रोगों को दूर भगाइए। जानकारों कहना है कि अधिक मात्रा में भी जामुन खाने से बचना चाहिए क्योंकि अधिक खाने पर यह नुकसान भी करता है।

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