अध्यात्म

शास्त्रों से जाने साल के किस माह में कौन सी चीज खाना चाहिए और किस से परहेज करना चाहिए

हिन्दू धर्म ग्रंथों और आयुर्वेद में भोजन से जुड़ी की चीजें बताई गई है। इसमें किस दिन कौन सी चीज खानी चाहिए और किसका परहेज करना चाहिए इस बारे में भी बताया गया है। इसके पीछे धार्मिक के साथ साथ वैज्ञानिक कारण भी जुड़े हैं। ऐसे में हम आपको हिन्दू माह के अनुसार खाई जाने वाली और परहेज करने वाली चीजों की लिस्ट बता रहे हैं।

शास्त्रों के अनुसार ये चीजें माह के अनुसार खानी चाहिए – चैत चना, बैसाखे बेल, जैठे शयन, आषाढ़े खेल, सावन हर्रे, भादो तिल। कुवार मास गुड़ सेवै नित, कार्तिक मूल, अगहन तेल, पूस करे दूध से मेल। माघ मास घी-खिचड़ी खाय, फागुन उठ नित प्रात नहाय।।

शस्त्रों के मुताबिक जाने किस माह में क्या नहीं खाना चाहिए – चौते गुड़, वैशाखे तेल, जेठ के पंथ, अषाढ़े बेल। सावन साग, भादो मही, कुवांर करेला, कार्तिक दही।। अगहन जीरा, पूसै धना, माघै मिश्री, फाल्गुन चना। जो कोई इतने परिहरै, ता घर बैद पैर नहिं धरै।।

चलिए इसका मतलब हिन्दी में विस्तार से जानते हैं –

1. चैत्र: मार्च-अप्रैल के मध्य आने वाले इस माह में चना खाना चाहिए जबकि गुड़ का परहेज करना चाहिए।

2. वैशाख: अप्रैल-मई के बीच आने वाले इस माह में बेल खाया जा सकता है, जबकि तेल व तली-भुनी चीजों की मनाही होती है।

3. ज्येष्ठ: मई-जून के बीच आने वाले इस माह में बेल खाना चाहिए। वहीं इस माह में गर्मी का कहर होने के चलते दोपहर में चलना खेलना मना होता है।

4. आषाढ़: जून-जुलाई के मध्य पड़ने वाले इस माह में बेल और हरी सब्जियां नहीं खाना चाहिए। वहीं इस माह में खेलने कूदने और कसरत करने की सलाह दी जाती है।

5. श्रावण (सावन): जुलाई-अगस्त के बीच आने वाले इस माह में साग (हरी पत्तेदार सब्जियां), दूध और दूध से बनी चीजों के सेवन पर मनाही होती है। इस माह में हर्रे (हरिद्रा या हरडा) खाना चाहिए।

6. भाद्रपद (भादौ): अगस्त-सितम्बर में आने वाले इस माह में दही, छाछ जैसी चीजों को खाने से बचना चाहिए। इस माह में तिल खूब खाना चाहिए।

7. आश्विन (क्वार): सितम्बर-अक्टूबर में आने वाले इस माह में गुड़ खूब खाएं लेकिन करेला खाने से बचे।

8. कार्तिक: अक्टूबर-नवम्बर में आने वाले इस माह में मूली खाना चाहिए। जबकि बैंगन, दही और जीरा थोड़ा सा भी नहीं खाना चाहिए।

9. मार्गशीर्ष (अगहन): नवम्बर-दिसंबर के मध्य आने वाले इस माह में जीरा न खाएं जबकि तेल खा लें।

10. पौष (पूस): दिसंबर-जनवरी में पड़ने वाले इस माह में दूध पिए लेकिन धनिया न खाए। ये मौसम ठंडा होता है और धनिए की प्रवृति ठंडी होती है।

11. माघ: जनवरी-फरवरी में पड़ने वाले इस माह में मूली और धनिया खाने से बचे जबकि घी-खिचड़ी खाते रहें।

12. फाल्गुन (फागुन): फरवरी-मार्च के मध्य आने वाले इस माह में चना न खाएं। इस महीने में सुबह जल्दी उठना लाभकारी माना जाता है।

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