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दिल्ली पुलिस के SHO को तलवार मारकर किया घायल, आरोपी निकला किसान आंदोलन का चेहरा

देश की राजधानी दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन चलते चलते तकरीबन 3 महीने होने वाले है. किसानों ने इस दौरान कई बार सरकार को घेरने की कोशिश की है. इस कड़ी में किसानों का सबसे उग्र प्रदर्शन भी शामिल है. किसानों के इस प्रदर्शन में कुछ लोग अपनी राजनीति सेकने में भी लगे हुए है. किसान नेता राकेश टिकैत आए दिन सरकार को चेतावनी देते रहते है.

सिंघु बॉर्डर पर कल एक ऐसी घटना हुई जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. कल एक आंदोलनकारी के अचानक हमले किये जाने से दिल्‍ली पुलिस के एक थाना प्रभारी (SHO) को चोटें आई हैं. पुलिस ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि हरप्रीत सिंह नाम का एक आंदोलनकारी एक पुलिसकर्मी की गाड़ी छीनकर भाग रहा था. जब पुलिस ने उसका पीछा किया तो इस दौरान उसने मुकरबा चौक के पास अपनी तलवार से एक एसएचओ पर हमला कर दिया.

इसके बाद उसने एक स्कूटर चोरी कर के भागने की कोशिश लेकिन बाद में उसे पुलिस ने पकड़ लिया. आरोपी पर पुलिश ने हत्या और चोरी का इल्जाम लगाकार गिरफ्तार कर लिया है. अब पुलिश द्वार मुकदम दर्ज कर आगे की कारवाही की जा रही है.

किसानों की भीड़ द्वारा लाल किले पर कि गई हिंसा में मुख्य आरोपी दीप सिद्धू की पुलिस हिरासत सात दिन के लिए और आगे बढ़ा दी गई है. दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत किया था. इस दौरान पुलिस ने उस पर आरोप लगाया कि वह भीड़ को उकसा रहा था. उसने ही भीड़ को लाल किले पर जाने के लिए उकसाया.

26 जनवरी को हुई हिंसा के सिलसिले में दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल ने लाल किले में एक और प्रमुख आरोपी को धर-दबोचा है. इस आरोपी का नाम मनिंदर सिंह उर्फ मोनी (30) है. इस आरोपी के पास से लाल किले में लहराई गईं 4.3 फीट की दो खंडास हिरासत में ली गई है. आपको बता दें कि पुलिस ने मोनी की पहचान वीडियो/फेशियल रिकग्निशन के जरिए की है.


वहीं धरने पर बैठे किसानों में से मंगलवार को एक और किसान की मौत हो गई. किसान शमशेर सिंह (64) पिंड झोला, जिला लुधियाना के निवासी थे. जो टीकरी बॉर्डर पर पिछले कुछ सप्ताह से आंदोलन में शामिल थे. मंगलवार को अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. बता दें कि इसके पहले भी कई किसानों ने आंदोलन के दौरान सीमा रप अपमना दम तोडा है.

इससे पहले मंगलवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा था कि, सबसे बड़े आंदोलनजीवी तो ‘भगवान बजरंगबली जी’ (Hanuman) थे. उन्होंने अपनी पूछ किसी और के लिए जलवाई थी. देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी (Mahatma Gandhi) भी आंदोलनजीवी थे.’ ज्ञात हो कि राजधानी की सीमा पर किसानों की भीड़ रोज़ाना घट रही है.

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