बॉलीवुड

करोड़ों रुपए होने के बावजूद मिथुन चक्रवर्ती ने कई दिनों तक पहने थे गंदे कपड़े, जाने वजह

एक असली कलाकार वही होता है जो अपने अभिनय में जान फूंक सके। यदि वह अपने किरदार को ऑनस्क्रीन वास्तविकता के करीब नहीं ला पाता है तो एक एक्टर के रूप में यह उसकी हार होती है। सिर्फ अच्छा फेसकट, सिक्स पैक एब्स और डांस स्किल्स ही आपको एक बेहतरीन अभिनेता या अभिनेत्री नहीं बना देती है। अपने किरदार को जीवंत करने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।

अब बॉलीवुड में आपको नई जनरेशन के कई ऐसे कलाकार मिल जाएंगे जो अपने किरदार में रंगने के लिए सारी हदें पार कर गए। जैसे सरबजीत का रोल प्ले करने के लिए रणदीप हुड्डा कई दिनों तक भूखे-प्यासे रहे। वहीं राजकुमार राव ने ‘ट्रैप्ड’ फिल्म की तैयारी के लिए खुद को कई दिनों तक कमरे में बंद कर लिया था। दंगल फिल्म के लिए आमिर खान ने अपना कई किलो वजन बढ़ाया और फिर घटाया था।

अब ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ आज के जमाने के कलाकार ही रोल में जान फूंकने के लिए सारी हदें पार करते थे। पुराने जमाने में भी कुछ गिने चुने एक्टर्स ऐसे थे जो अपने रोल को जीवंत बनाने के लिए एक कदम आगे चले जाते थे। उदाहरण के लिए बॉलीवुड के डिस्को डांसर मिथुन चक्रवर्ती को ही ले लीजिए।

मिथुन ने एक फिल्म की थी ‘जोर लगा के… हय्या’। 2009 में आई सी फिल्म में उनके साथ रिया सेन, सीमा बिस्वास, गुलसन ग्रोवर और महेश मांजरेकर जैसे सितारें थे। इस फिल्म में मिथुन ने भिखारी का रोल प्ले किया था। फिल्म में उन्हें एक ही ड्रेस लगातार कई दिनों तक पहन्नी पड़ती थी। इसकी वजह ये थी कि भिखारी के पास नई नई ड्रेस खरीदने का पैसा नहीं होता है।

ऐसे में मिथुन कई दिनों तक उसी एक ड्रेस को पहनकर शूट पर आते रहे। दिलचस्प बात ये थी कि जितने महीने शूट चली उतने समय तक उन्होंने उस ड्रेस को धुलवाया नहीं। वे चाहते थे कि कपड़े असल में गंदे लगे ताकि उनका किरदार और भी रियल दिखे।

इस बारे में फिल्म के निर्माता कार्तिकेय तलरेजा बताते हैं कि ‘मिथुन को वह गंदे कपड़े रोज रोज पहनना पसंद नहीं था, हालांकि इसके बावजूद उन्होंने इसे धुलवाया नहीं। अपने किरदार को देखते हुए उन्होंने कभी कोई नखरे भी नहीं किए।’

अब ये मिथुन की काम के प्रति लगन ही है जो वे आज बॉलीवुड में इतने बड़े सितारें हैं। आम कलाकारों की तुलना में मिथुन ने फिल्म इंडस्ट्री में काफी लंबी पारी भी खेली है।

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