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रोहतक हत्याकांड: मरने से पहले पूजा ने किया था मां को फोन, आखिर बार मां से कही थी ये बात

हरियाणा के रोहतक के जाट कॉलेज अखाड़ा में मारे गए पांच लोगों का शनिवार को पीजीआईएमएस में पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के दौरान शवगृह के बाहर काफी संख्या में लोग और मृतक लोगों के परिजन पहुंचे थे। मृतक पूजा का भाई भी इस दौरान अस्पताल में ही मौजूद था। पूजा के भाई ने बताया कि उसकी बहन घर आने वाली थी। लेकिन पैरों में दर्द के कारण वो शुक्रवार को घर न आ सकी। अगर वो शुक्रवार को ही घर आ जाती तो शायद उसकी जान बच जाती।

गौरतलब है कि हरियाणा के रोहतक में मेहर सिंह अखाड़े में फायरिंग हो गई थी। जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना में सात लोगों को गोली लगी थी। गोली लगने से प्रदीप मलिक, पूजा और साक्षी समेत पांच की मौत मौके पर ही हो गई थी। जबकि दो बच्चे घायल हैं। जाट कॉलेज के जिम्नेजियम में हुई इस फायरिंग के मुख्य आरोपी सुखवेंद्र को पुलिस ने पकड़ लिया है।

हरियाणा पुलिस ने देर रात जान गंवाने वाले कोच मनोज के भाई का बयान दर्ज किया। जिसमें उसने बताया था कि अखाड़े में रंजिश के चलते मनोज, साक्षी, पूजा, सतीश और प्रदीप मलिक की हत्या की गई। मनोज और उसकी पत्नी साक्षी को नौकरी मिलने के बाद सुखविंद्र अखाड़े का संचालन खुद करना चाहता था। लेकिन मनोज ने इसका विरोध किया। अखाड़े में प्रैक्टिस कर रही पूजा ने भी सुखविंद्र की शिकायत की थी और इन सभी से मनोज बदला लेना चाहता था।

मम्मी से की थी पूजा ने बात

मरने से पहले पूजा की बात अपनी मम्मी से हुई थी। पूजा का परिवार उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में रहता है। पूजा ने शुक्रवार सुबह फोन पर अपनी मम्मी से कहा था कि मम्मी मेरे पैरों में दर्द है। मैं आज घर नहीं आ सकती। शाम तक आराम हो जाएगा फिर मैं शनिवार को घर आ जाऊंगी। पूजा की मां खुश थी की उनकी बेटी  16 दिन बाद घर आ रही है। लेकिन शुक्रवार को ही  सुखविंद्र ने उसकी हत्या कर दी।

मथुरा जिले के सिहोरा गांव की रहने वाली पूजा तोमर करीब दो साल से यहां पर रहकर कुश्ती सीख रही थी। पीजीआईएमएस के पोस्टमार्टम हाउस में पूजा का शव लेने पहुंचे भाई विष्णु ने बताया कि पूजा 26 जनवरी को घर से यहां आई थी। अक्सर वह तीन-चार दिनों के घर आ जाती थी। यदि पूजा शुक्रवार सुबह ही यहां से निकल जाती तो उसकी जान बच सकती थी।

पीजीआइएमएस के पोस्टमार्टम हाउस में पहुंचे मुख्य कोच मनोज मलिक के पिता चंद्र सिंह ने कहा कि वो करीब एक साल से सुखविंदर को जानते थे। सुखविंदर उनके घर पर भी गया था। उन्हें क्या पता कि वो ऐसा कर देगा। वहीं झज्जर के गांव माडोठी के रहने वाले राजबीर ने बताया कि उसका छोटा भाई सतीश 3 साल से रोहतक में कोच था। उसके लिए परिजन रिश्ता देख रहे थे।

इस गोलीकांड में घायल हुए  मनोज के तीन साल के बेटे सरताज और अमरजीत की हालत नाजुक बनी हुई है। सरताज की आंख के पास गोली लगी है और वह कोमा में चला गया है। जहकि अमरजीत गुरुग्राम स्थित अस्पताल में भर्ती है। जहां पर उसका इलाज किया जा रहा है।

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