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गैर-मुस्लिम शख्स के प्यार में पागल थी कट्टर जिन्ना की बेटी, धर्म की दीवार तोड़ रचाई शादी

इश्क का सप्ताह शुरू हो चुका है, ऐसे में क्यों न इस सप्ताह में उन लोगों को याद किया जाए जो मोहब्बत की खातिर मर मिटने के लिए तैयार थे। एक बेहद मशहूर कहावत है, ‘प्यार न तो सरहदों में सिमट सकता है और ना ही मजहब की दीवारें इसके आड़े आ सकती हैं।’ ऐसी ही एक प्रेम कहानी है पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की बेटी की। आइए जानते हैं, आखिर क्या है उनकी प्रेम कहानी…

मोहम्मद अली जिन्ना की बेटी ने अपने प्यार की खातिर पिता से ही बगावत कर ली थी। जिन्ना की बेटी दीना सब कुछ दांव पर रखने को राजी थीं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दीना, मोहम्मद अली जिन्ना की एकमात्र बेटी थीं। मगर उन्हें अपने पिता के राजनीतिक विरासत से ज्यादा अपने पिता से बगावत के लिए याद किया जाता है।

दीना ने अपने प्यार के लिए किया पिता से बगावत…

दीना का जन्म 15 अगस्त 1919 को हुआ था। दीना एक प्री-मैच्योर बेबी थीं, उनका जन्म तब हुआ था जब जिन्ना और उनकी पत्नी एक थिएटर में सिनेमा देखने गए थे। दीना हुबहू अपनी मां की तरह दिखती थीं। जब दीना बेहद छोटी थीं, तभी उनकी मां का निधन हो गया। इसके बाद उनकी बुआ फातिमा ने देखरेख किया और इस्लाम धर्म की शिक्षा दीक्षा दी।

कहा जाता है कि जिन्ना अपनी बेटी से बहुत प्यार करते थे, लेकिन राजनीतिक व्यस्तता की वजह से ज्यादा समय नहीं दे पाते थे। वहीं दीना और उनकी बुआ के रिश्ते शुरूआत से ही अच्छे नहीं रहे। दीना की शिक्षा दीक्षा मुंबई और लंदन में हुई। इसके बाद दीना को एक गैर मुस्लिम युवक नेविले वाडिया से प्यार हो गया और वो उनसे शादी करना चाहती थीं। मगर जिन्ना इस शादी के खिलाफ थे और यहीं से बाप बेटी के रिश्ते बिगड़ते चले गए।

जब जिन्ना ने इस शादी का विरोध किया तो दीना भी अड़ गईं और उन्होंने अपने पिता को तर्क दिया कि आपने भी जिससे शादी की थी वो मुस्लिम नहीं थी। उधर जिन्ना का तर्क था कि उनकी पत्नी ने धर्म परिवर्तन किया था।

इस बहस के बारे में जिन्ना के असिस्टेंट रह चुके मोहम्मद अली करीम चगला ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में उल्लेख किया है। उन्होंने लिखा है कि, ‘जिन्ना ने दीना से पूछा भारत में लाखों मुस्लिम युवक हैं क्या यही एक शख्स तुम्हारा इंतजार कर रहा है? तो दीना ने झट से जवाब दिया, भारत में लाखों मुस्लिम लड़कियां थीं तो आपने पारसी से ही क्यों शादी रचाई?

बहरहाल, मोहम्मद अली जिन्ना ने दीना को रोकने के लिए अपना पूरा दम लगा दिया। मगर दीना कहां मानने वाली थी, उन्होंने अपने पिता से बगावत करके पारसी युवक नेविले से शादी रचा ली। शादी के बाद जिन्ना को अपनी बेटी से कोई दिलचस्पी नहीं रही और उन्होंने सारे रिश्ते तोड़ लिए। सूत्रों की मानें तो बाप बेटी किसी कार्यक्रम में ही मिलते थे। जहां जिन्ना अपनी ही बेटी को तंज कसते हुए मिसेज वाडिया कहकर बुलाते थे।

बताया जाता है कि मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान के आजाद होने के बाद अपनी बेटी दीना को पाकिस्तान वापस बुलाया मगर वो अपने पति और ससुराल वालों के साथ मुंबई में ही रहीं। इससे जिन्ना काफी आहत हुए थे। इसके बाद जब जिन्ना बीमार पड़े तो उनकी बेटी उनसे मिलने पाकिस्तान जाना चाहती थीं, मगर उन्हें वीजा नहीं दिया गया।

दीना पहली बार 9 सितंबर 1948 को पाकिस्तान गईं, जब उनके पिता मोहम्मद अली जिन्ना का निधन हो गया। जिन्ना के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लियाकत अली खान ने उनके लिए एक स्पेशल प्लेन भेजा था। इसके बाद दीना दूसरी बार पाकिस्तान तब गईं, जब 2004 में भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच लाहौर में हुआ।

भारत में रहते हुए जिन्ना की बेटी को काफी अपमान का सामना करना पड़ा तो वहीं पाकिस्तान में उन्हें गद्दार कहा जाता था। दीना का 98 साल की उम्र में 2 नवंबर 2017 को उनका निधन हो गया।

आपकी जानकारी के लिए जिन्ना ने खुद लव मैरिज की थी। दरअसल उनकी पहली पत्नी की मौत होने के तकरीबन 20 साल बाद उन्हें 16 वर्षीय रति पेटिट से प्यार हो गया। दोनों कोर्ट मैरिज करना चाहते थे, लेकिन ऐसा करने के लिए कोर्ट में धर्म की शपथ लेनी पड़ती है। इसलिए रति ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया।

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