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1 लाख में डॉक्टर, इंजीनियर बना देता था ये गैंग, इन यूनिवर्सिटी की देता था फर्जी डिग्री

मोहाली पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो कि 30-40 दिनों में ही युवकों को इंजीनियर, डॉक्टर बना देता था। पंजाब में ये गैंग लंबे समय से सक्रिय था और मोटी रकम वसूलकर लोगों को फर्जी डिग्री दिया करता था। पुलिस के अनुसार कम पढ़े-लिखे व स्टडी गैप वाले युवकों को ये प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी और संस्थानों की फर्जी डिग्रियां मुहैया करवाया करता था। फर्जी डिग्री देने में इन्हें एक महीने का समय लगता था। ये गैंग अभी तक 16 सरकारी और निजी यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियां दे चुका है।

पुलिस ने बताया कि ये गैंग जानी मानी यूनिवर्सिटी की डिग्री दिया करता था। छापेमारी में पुलिस को जाली दस्तावेज, मुहर, होलोग्राम, कंप्यूटर और अन्य उपकरण मिले हैं। इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनके नाम इस प्रकार हैं-  निर्मल सिंह निम्मा गांव करतारपुर थाना मुल्लांपुर गरीबदास, विष्णु शर्मा निवासी निधि हाई कॉलोनी मथुरा (यूपी), सुशांत त्यागी, संचालक वीर फाउंडेशन डिस्टेंस एजुकेशन मेरठ और आनंद विक्रम सिंह निवासी सेक्टर-2, वैशाली गाजियाबाद (यूपी), अंकित अरोड़ा, निवासी फतेहपुर, सियालवा, मोहाली।

पुलिस के अनुसार इस गिरोह का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है। पंजाब, हिमाचल, यूपी, हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश समेत कई शहरों में स्थित 16 सरकारी और निजी यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री ये दिया करता था। इस गिरोह द्वारा युवकों को इंजीनियर, डॉक्टर, अकाउंटेंट, एमबीए, बीटेक, एमटेक की फर्जी डिग्रियां दी जाती थी।

एसएसपी कार्यालय द्वारा इन लोगों को पकड़ने के बाद एक प्रेस वार्ता की गई और इस गिरोह के बारे में बताया गया। बुधवार को की गई प्रेस वार्ता में एसपी देहात डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल और डीएसपी जीरकपुर अमरोज सिंह ने बताया कि पांचों शातिरों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में केस दर्ज किए गए हैं। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और कई और खुलासे हो सकते हैं।

इस तरह से हुआ खुलासा

पुलिस के अनुसार उन्हें सूचना मिली की कुछ लोग फर्जी डिग्री दिया करते हैं। ये लोग युवकों से उनके असली दस्तावेज लेकर उनके आधार पर जाली सर्टिफिकेट और डिग्री बनाया करते थे। जीरकपुर थाना पुलिस जीरकपुर-कालका रोड पर गश्त करने के दौरान पुलिस को इस गिरोह के बारे में पता चला था। वहीं पुलिस ने जांच करते हुए इस मामले में सबसे पहले निम्मा को पकड़ा और उससे पूछताछ की। इसने कई सारे राज पुलिस के सामने खोले और पुलिस ने इस गिरोह के अन्य लोगों को भी पकड़ लिया।

पुलिस के अनुसार इस गिरोह के सदस्यों ने कई राज्यों के युवकों की फर्जी डिग्री बनाई है। पुलिस अब सभी अकाउंट और संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटा रही है। साथ में ही सभी राज्यों की पुलिस को अलर्ट भेजा गया है। दरअसल इस गिरोह के लोगों ने पूरे देश में स्टडी सेंटर खोल रखा है और एजुकेशन कंसल्टेंट बताकर काम करते थे। स्टडी सेंटर के जरिए ही ये ऐसे छात्रों के संपर्क में आते हैं जिन्हें फर्जी डिग्री चाहिए होती है।

एक से डेढ़ लाख रुपये लेकर ये फर्जी डिग्री देते हैं। वहीं जांच में सर्टिफिकेट न पकड़ा जाए इसके लिए ये होलोग्राम तक इस्तेमाल करते हैं। इन्होंने प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी के फर्जी डोमेन भी तैयार कर रखें हैं। आवेदक के सामने ही उसका रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर अपलोड करते थे। यहां तक कि उनका रिजल्ट भी फर्जी डोमेन पर दिखा देते थे।

अभी तक इन्होंने जिन यूनिवर्सिटी और संस्थानों की फर्जी डिग्रियां और सर्टिफिकेट बनाएं हैं उनके नाम इस प्रकार हैं।

1. आदेश यूनिवर्सिटी, बठिंडा
2. आईटीसी यूनिवर्सिटी, हिमाचल प्रदेश
3. आईके गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी, जालंधर
4. बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी
5. छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी, कानपुर
6. चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ
7. गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज ऑफ एजुकेशन पंजाब गुरु काशी यूनिवर्सिटी तलवंडी साबो
8. हरियाणा काउंसिल ऑफ ओपन स्कूलिंग
9. सिक्किम यूनिवर्सिटी
10. काउंसिल ऑफ दि इंडियन स्कूल ऑफ सर्टिफिकेट ऑर्गेनाइजेशन, नई दिल्ली
11. मानव भारती यूनिवर्सिटी, सोलन
12. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग
13. पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड, मोहाली
14. पंजाब स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एंड इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग चंडीगढ़ (लाला लाजपत राय कॉलेज ऑफ मोगा)
15. पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला
16. स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी, मेरठ

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