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टिकैत ने की हिंसा करने वालों की रिहाई की मांग, कहा- बातचीत होगी, मगर भाइयों की रिहाई के बाद

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार के सामने एक नई मांग रखी है और सरकार से कहा है कि वो तभी तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार से बात करेंगे, जब उनके किसान भाइयों को रिहा किया जाएगा। दरअसल ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस ने 80 से अधिक लोगों को जेल में बंद किया है और राकेश टिकैत इनकी रिहाई की मांग अब सरकार से कर रहे हैं।

राकेश टिकैत ने कहा कि ये आंदोलन महाभारत की तरह है और जीत किसानों की ही होने वाली है। किसान अपनी पगड़ी नीचे नहीं आने देंगे। जब तक हमारे जेल में बंद लोग रिहा नहीं हो जाते सरकार से बातचीत आगे नहीं की जाएगी। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का समर्थन करते हैं। हम पीएम मोदी की बातों का मान और किसान की पगड़ी का भी सम्मान रखना जानते हैं। बातचीत जरूर होगी। लेकिन किसानों भाइयों की रिहाई के बाद।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के बाद एक बयान दिया था। जिसमें इन्होंने कहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों के लिए उनकी सरकार का प्रस्ताव अब भी बरकरार है और बातचीत में महज एक फोन कॉल की दूरी है। मोदी के इस प्रस्ताव पर ही अब टिकैत का बयान आया है। जिसमें इन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे। किसान नहीं चाहते कि सरकार या संसद उनके आगे झुके।

80 लोगों को किया गिरफ्तार

गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हो गई थी। जिसमें 300 से ज्यादा पुलिस वाले घायल हो गए थे। इस हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने 40 मामले दर्ज किए थे। साथ में ही 80 से ज्यादा लोगों को जेल के अंदर डाला है। वहीं अब इन्हीं लोगों की रिहाई की मांग टिकैत कर रहे हैं।

गौरतलब है कि प्रदर्शनकारीयों द्वारा नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। ये आंदोलन कई महीनों से चल रहा है। इसी बीच सरकार और किसान के नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत भी हो गई है। लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकल सका है। वहीं सरकार पर दवाब बनाने के लिए किसानों द्वारा ट्रैक्टर रैली गणतंत्र दिवस के दौरान निकाली गई थी। जिसने हिंसक रूप ले लिया था।

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