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पहले चलाई खूबसूरत बीवी पर गोली, फिर मारा 4 साल की मासूम बेटी को और अंत में खुद पर दाग दी बुलेट

किसी की ज़िंदगी की कीमत क्या होती है यह आजकल लोग भूलते जा रहे हैं। हद तो तब हो जाती है जब वे अपनी लाइफ के साथ साथ दूसरों की लाइफ भी खत्म कर देते हैं। अब अमृतसर जिले के गुरु तेग बहादुर नगर की इस घटना को ही ले लीजिए। यहां रहने वाले विक्रमजीत सिंह नाम के शख्स ने एक छोटी सी बात को लेकर अपनी बीवी यादकिरणदीप कौर और चार साल की बेटी वर्षिता को गोली मार दी। इसके बाद विक्रमजीत ने खुद को भी गोली मार खुदखुशी कर ली।

यह मामला बीते सोमवार रात 10 बजे का है। पड़ोसियों को विक्रमजीत के घर से गोलियां चलने की आवाज आई थी। ऐसे में वे उनके घर की तरफ भागे थे। दरवाजा अंदर से बंद था, जब वे इसे तोड़ अंदर घुसे तो पति पत्नी और बच्ची खून से लथपथ हालत में मिले। कमरे की दीवार भी खून के छिटो से सनी थी। साथ ही विक्रमजीत के शव के पास पिस्तौल भी मिली।

बताया जा रहा है कि विक्रमजीत यह पिस्तौल पड़ोसी से मांगकर लाया था। उसने अपनी पूरी फैमिली को खत्म करने की पहले से प्लानिंग बना ली थी। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। हालांकि इसे लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है। वहीं विक्रमजीत के पड़ोसियों का कहना है कि कोरोना काल में विक्रमजीत का फाइनेंस का काम मंदा पड़ गया था। उसके ऊपर बहुत कर्जा हो गया था।

यह कर्जा न चुका पाने कि वजह से उसके और पत्नी के बीच आए दिन झगड़े होते रहते थे। यही वजह थी कि उसने पहले चार साल की बेटी को, फिर बीवी को और अंत में खुद को गोली मार खत्म कर दिया। पड़ोसियों की माने तो विक्रमजीत को अपनी बीवी से बहुत प्यार था। वह उसके साथ अक्सर कहीं न कहीं बाहर घूमने जाया करता था। हालांकि जब से उसके फायनेंस का धंधा कम चलने लगा और कर्जा हो गया तब से घर में झगड़े होने लगे। शायद इसी बात से तंग आकर विक्रमजीत ने अपने बसे बसाए परिवार को खत्म कर दिया।

वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है? क्या इस तरह की परेशानियों से निपटने का एक मात्र रास्ता आत्महत्या ही है? हमे ज़िंदगी की कीमत समझना चाहिए। सुसाइड किसी भी समस्या का हल नहीं होता है। खुदखुशी कर समस्याओं से भागना एक कायराना हरकत होती है। ऐसा करने से हमे हर हाल में बचना चाहिए। हर बार नई शुरुआत की जा सकती है।

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