अध्यात्म

हनुमान जी की पूजा के लिए ये 5 दिन माने गए हैं विशेष, इस दौरान पूजन करने से मिलता है तुरंत फल

हनुमान जी की भक्ती करने से जीवन के तमाम दुखों से निजात मिल जाती है। मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है और इस दिन हनुमान जी की भक्ती करने से मंगल दोष, कर्ज से मुक्ति, भूत पिशाच, शनि और ग्रह बाधा, रोग, कोर्ट-कचहरी, घटना-दुर्घटना और चिंता से मुक्ति मिल जाती है। विशेष दिन और विशेष समय पर हनुमान जी की साधना या आराधना करने से ये तुरंत प्रसन्न होते हैं। हालांकि मंगलवार के अलावा भी कुछ ओर ऐसे दिन है, जिस दौरान अगर हनुमान जी की पूजा की जाए। तो इनकी विशेष कृपा बन जाती है। तो आइए जानते हैं इन दिनों के बारे में-

इन पांच दिनों जरूर करें हनुमान जी की पूजा

1.शनिवार का दिन

शनिवार के दिन हनुमान जी का पूजन करने से व उन्हें सरसों का तेल चढ़ाने से शनि ग्रह से रक्षा होती है। साथ में ही इस दिन सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करना भी फलदायक माना गया है। दरअसल एक कथा के अनुसार शनि देव ने हनुमान जी से ये वादा किया था कि जो भी लोग शनिवार के दिन उनके साथ हनुमान जी की पूजा करेंगे, उनको शनि देव कभी भी कष्ट नहीं देंगे। इसलिए शनिवार के दिन भी लोग हनुमान जी का पूजन जरूर करते हैं।

इस तरह से करें पूजा

शनिवार को शनिदेव की पूजा करने के बाद हनुमान जी के सामने एक आटे का दीपक जला दें। उसके बाद इनको सरसों का तेल अर्पित करें और सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ लें।

2.मंगलवार का दिन

मंगलवार को हनुमान का पूजन करना सबसे लाभकारी माना गया है। इस दिन हनुमान चालीसा पढ़ने से सभी तरह के संकट दूर हो जाता हैं। साथ में ही मंगल दोष भी मिट जाता है। मांगलिक कार्य की सिद्ध के लिए या कर्ज से मुक्ति के लिए भी इस दिन हनुमान जी की आराधना करना उत्तम फल देता है।

इस तरह से करें पूजा

मंगल दोष खत्म करने के लिए इस दिन हनुमान जी को लाल रंग की वस्तुएं अर्पित करें। हो सके तो हनुमान जी को लाल रंग का चोला भी अर्पित करें। इसके बाद सरसों के तेल का दीपक जलाकर पूजन करें।

3.त्रयोदशी तिथि

शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन हनुमान का व्रत करने से हर कामना को बजरंगबली पूरा कर देते हैं। इस दिन हनुमान जी से जुड़े पाठ, जप, अनुष्ठान आदि प्रारंभ करना भी उत्तम माना जाता है।

इस तरह से करें पूजा

त्रयोदशी तिथि की सुबह उठकर स्नान करें और हनुमान-पाठ, जप, अनुष्ठान आदि प्रारंभ कर दें। वहीं शाम के समय मंदिर जाकर हनुमान जी के सामने दीपक जला दें।

4.हनुमान जयंती

हनुमान जयंती के दिन विशेष रुप से बजरंगबली की आराधना करनी चाहिए। हर साल दो हनुमान जयंती आती है। पहली हनुमान जयंती चैत्र शुक्‍ल पूर्णिमा को और दूसरी कार्तिक कृष्‍ण चतुर्दशी को। दोनों ही दिन हनुमान जी की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। दरअसल पहली चैत्र माह की तिथि को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में जबकि दूसरी तिथि को जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है कि चैत्र शुक्‍ल पूर्णिमा के दिन हनुमान जी सूर्य को फल समझ कर खाने के लिए दौड़े थे, उसी दिन राहु भी सूर्य को अपना ग्रास बनाने के लिए आया हुआ था। हनुमान जी को देखकर सूर्यदेव ने उन्हें दूसरा राहु समझ लिया। वहीं दूसरी तिथि के अनुसार कार्तिक कृष्‍ण चतुर्दशी को इनका जन्म हुआ था।

इस कर से करें पूजा

हनुमान जयंती के दिन आप मंदिर जाकर बजरंगबली की पूजा करें और उन्हें भोग लगाएं। बाद में इस भोग को प्रसाद के रूप में लोगों को बांट दें।

5. पूर्णिमा और अमावस्या

पूर्णिमा और अमावस्या के दिन भी हनुमान जी की विशेष पूजा करनी चाहिए। इस दिन हनुमान जी का पूजन करने से चंद्रदोष, देवदोष, मानसिक अशांति, भूत-पिशाच और सभी तरह की घटना-दुर्घटना से रक्षा होती है।

इस तरह से करें पूजा

पूर्णिमा और अमावस्या की शाम मंदिर में जाकर हनुमान जी के सामने दो दीपक जला दें और इनसे जुड़ा कोई भी पाठ पढ़ लें।

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