अध्यात्म

ऋग्वेद में दिए इस विष्णु मंत्र का करें पाठ, कभी नहीं होगी धन की कमी!

आज के समय में धन की क्या महत्ता है, यह किसी को भी बताने की जरूरत नहीं है। धन के बिना आज के समय में कोई भी काम संभव नहीं है। किसी भी कार्य को करने में आज धन की आवश्यकता पड़ती है। केवल यही नहीं धन आपके शक्ति का भी प्रतीक बन गया है। जिसके पास जितना ज्यादा धन, उसके पास उतनी ज्यादा ताकत। गरीब आदमी की आज के वक्त में कोई नहीं सुनता है।

भगवान विष्णु के बगैर नहीं है संभव:

अगर आप भी चाहते हैं कि आप जीवन में गरीबी से मुक्त हो जाएं और आप पर हमेशा लक्ष्मी की कृपा बनी रहे तो इन बातों को ध्यान में रखें। अगर आप लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं तो यह भगवान विष्णु के बिना संभव नहीं है। आप जानते ही हैं कि मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के चरणों रहकर ही उनकी सेवा करना पसंद करती हैं। आप किसी भी चित्र में देखेंगे या किसी शास्त्र में देखेंगे तो मां लक्ष्मी को हमेशा भगवान विष्णु के चरणों में ही दिखाया गया है।

बनी रहती है हमेशा लक्ष्मी की कृपा:

जो लोग भगवान विष्णु की आराधना करते हैं, उन पर लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। लक्ष्मी भी उन्ही लोगों के पास रहती हैं, जो जन कल्याण की भावना अपने मन में रखते हैं। भगवान विष्णु के पास जो लक्ष्मी है, वह धन और संपत्ति है। विष्णु उसका सही उपयोग करना जानते हैं, इसलिए लक्ष्मी उनके चरणों में रहकर उनकी सेवा करती हैं।

हर मंत्र का होता है अलग-अलग महत्व:

हिन्दू धर्म के लगभग सभी ग्रन्थ और धर्म शास्त्र में धन की समस्या का समाधान करने के लिए बहुत सारे मन्त्रों में बारे में बताया गया है। सभी मन्त्रों का अपना अलग-अलग महत्व होता है। ऋग्वेद में एक ऐसे ही मन्त्र के बारे में बताया गया है, जो भी इसका पाठ करता है, लक्ष्मी उसके वश में हो जाती हैं। इस मंत्र का पाठ करने से पहले शुभ मुहूर्त के बारे में पता कर लें, तभी इसका जाप करें। इस मंत्र का जाप करने के लिए कुश के आसन पूर्व दिशा की तरफ मुँह करके बैठ जाएँ और कम से कम एक माला के बराबर जाप करें।

करें इस मंत्र का जाप:

ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।

अर्थ:

हे लक्ष्मीपति आप बहुत बड़े दानी हैं। सभी लोगों से सुना है कि सब जगह से परेशान होकर जो आपकी शरण में आता है और आपकी प्रार्थना करता है, आप उसे निराश नहीं करते हैं। आप उसकी हर इच्छा की पूर्ति कर देते हैं। आप लोगों की झोली खुशियों और धन से भर देते हैं। हे भगवन मुझे भी इस धन के संकट से मुक्ति दे दें।

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