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स्कूल को आकर्षित बनाने के लिए शिक्षक ने किया ये अनोखा काम, दो महीने में स्कूल को बना दिया ट्रेन

कोरोना काल के कारण लंबे समय से स्कूलों को बंद रखा गया है। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई पर काफी असर पड़ रहा है। हालांकि मध्य प्रदेश के एक शिक्षक ने इस दौरान कमाल करके दिखाया है। इतने बुरे दौर में भी इस शिक्षक ने बच्चों को शिक्षा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। टीकमगढ़ जिले में एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के तौर पर काम करने वाले प्रमोद नापित ने बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के साथ-साथ अपनी सैलरी से स्कूल को ट्रेन का रूप दिया है।

बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने के बाद ये समय निकालकर स्कूल को अच्छे से सजाया करते थे। प्रमोद नापित ने स्कूल के प्रति बच्चों का आकर्षण बढ़ाने के लिए ये सब किया है। सगर वारा गांव के रहने वाले शिक्षक प्रमोद नापित लोकडाउन के समय से स्कूल को सजाने का काम कर रहे थे और अब जाकर इन्होंने पूरी तरह से स्कूल को अच्छे से सजाया है। प्रमोद नापित के अनुसार उन्होंने अपना खाली वक्त निकालकर स्कूल को ट्रेन का रूप दिया है। ताकि बच्चे जब स्कूल आए तो उनका मन लग सके। प्रमोद नापित का कहना है कि इससे बच्चों का आकर्षण बढ़ेगा।

प्रमोद नापित ने स्कूल को इस तरह से सजाया है कि मानों जैसे ये कोई ट्रेन हो।  80 फीट लंबे इस प्राथमिक और शासकीय माध्यमिक शाला को कलर के माध्यम से हूबहू ट्रेन जैसा रुप दिया गया है। प्रमोद नापित ने कहा कि कोविड-19 के चलते स्कूल और बच्चों में लंबा गैप हो गया है। इसलिए बच्चों को आकर्षित करने के लिए उन्होंने ये सब किया। 2 महीने लगातार मेहनत करने के बाद स्कूल को ट्रेन का रूप दे सकें हैं। इनका कहना है कि ऐसा करने से बच्चों में शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ेगा और वो रोज स्कूल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।

स्कूल को ट्रेन का रूप देने के लिए जो भी खर्च आया वो इन्होंने खुद उठाया है। इनके अनुसार स्कूल को नया रूप देने के लिए इन्होंने 30 हजार रुपए खर्च कर दिए हैं। इतना ही नहीं इन्होंने मोहल्ला स्कूल भी शुरू किया है। गांव में दीवारों पर ब्लैकबोर्ड बना बच्चों क पढ़ाया है। गौरतलब है कि कोरोना के कारण स्कूलों को बंद कर दिया था। जिसके कारण ऑनलाइन के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। हालांकि अब केंद्रीय सरकार ने स्कूलों को खोलने की अनुमित दे दी है और कई राज्यों में तो स्कूल खुल भी गए हैं।

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