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राकेश टिकैत ने दंगाई किसानों को बताया अनपढ़, कहा- उन्हें दिल्ली का रास्ता तक पता नहीं था

गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा की गई हिंसा की हर कोई आलोचना कर रहा है और दिल्ली पुलिस भी अब ऐक्शन में आ गई है। दिल्ली पुलिस ने इस हिंसा को लेकर 15 लोगों पर एफआईआर दर्ज की हैं। पुलिस के अनुसार मंगलवार को हुई ट्रैक्टर रैली में 150 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जिनमें से दो ही हालत गंभीर है और इन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है।

दिल्ली के रास्तों को किया बंद


दिल्ली पुलिस ने वीआईपी इलाके लुटियंस जोन की ओर जाने वाले रास्ते बंद कर दिए हैं। इंडिया गेट, प्रगति मैदान और मंडी हाउस जाने वाले रास्तों को भी कुछ समय के लिए बंद रखा गया है। साथ में ही आईटीओ और कनॉट प्लेस की ओर जाने वाले रास्ते भी पुलिस ने बंद कर दिए हैं। दरअसल कल तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में किसानों की ओर से ट्रैक्टर रैली की गई थी। जिसने हिंसा का रुप ले लिया था। इस दौरान दिल्ली के अंदर घुसकर किसानों ने काफी आतंक मचाया था। किसानों ने पुलिस वालों पर पत्थरों से हमला भी किया था। किसानों को काबू में करने के लिए दिल्ली पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे। लेकिन फिर भी किसान पीछे नहीं हटे और उन्होंने जमकर हंगामा किया।

किसानों की ओर से हुई इस हिंसा में दोनों ही पक्षों के लोग घायल हुए हैं। घायलों में मोहन गार्डन थाने के एसएचओ भी शामिल हैं, उनके दोनों हाथों में फ्रैक्चर। जबकि कई पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है। वहीं इस घटना पर अब भारत किसान यूनियन के नेता, राकेश टिकैत का बयान भी आया है और इन्होंने अपने बयान में किसानों को अनपढ़ बताया है। इन्होंने किसानों द्वारा की गई हिंसा पर कहा है कि ट्रैक्टर अशिक्षित किसान चला रहे थे। उन्हें दिल्ली का रास्ता तक पता नहीं था। प्रशासन ने उन्हें दिल्ली का रास्ता बताया। वे दिल्ली तक गए और फिर वापस लौट आए। उनमें से कुछ भूलवश लालकिले की तरफ चले गए। पुलिस ने उन्हें इसके बाद घर लौटा दिया।

दरअसल पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों को लाल किले में जाने की अनुमति नहीं दी थी। लेकिन किसानों ने पुलिस की एक न सुनी और लाल किले पर जाकर झंडा फरहाया था। हालांकि कुछ समय बाद दिल्ली पुलिस ने इस झंडे को उतरा दिया था। गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने दिल्ली का माहौल खराब करने को कोशिश की थी।

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