अध्यात्म

जीवन में धन और स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से बचने के लिए रविवार को जरूर करें ये काम!

पौराणिक काल से ही सूर्य को आरोग्य का देवता माना जाता है। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है कि सूर्य की किरणों में कई रोगों को दूर करने की शक्ति होती है। जिन लोगों को हृदय रोग की समस्या होती है, उनके लिए सूर्य की उपासना करना काफी लाभदायक होता है। उन लोगों को आदित्य हृदय स्तोत्र का नियमित पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव प्रसन्न होकर उन्हें दीर्घायु होने का वरदान देते हैं।

सूर्य को बताया गया है ब्रह्म:

सूर्यास्त के पहले सूर्य का जो रूप होता है, वह सूर्य का निधन होता है। सूर्य के उस रूप में अनुगत पितृगण हैं। इसी वजह से उन्हें श्राद्धकाल में पितृ-पितामह आदि रूपों में दर्भ पर स्थापित किया जाता है। पितृगण इस शाम की निधन भक्ति के पात्र होते हैं। छंदोग्योपनिषद में 19वें खंड के अध्याय 3 में आदित्य को ब्रह्म बताया गया है।

जब भगवन श्री राम रावण से युद्ध करते हुए युद्धभूमि में थक कर खड़े हो गए थे, उस समय अगस्त मुनि ने उन्हें हृदय स्तोत्र सुनाया था। इस स्तोत्र का पाठ करने वाले को अनेक लाभ होते हैं। गायत्री मन्त्र के पाठ के बाद इसका पाठ करना काफी फलदायक होता है। इस पाठ में इतनी ज्यादा शक्ति होती है कि आप सोच भी नहीं सकते हैं। इसके पाठ से आप अपने सभी विरोधियों को परास्त कर सकते हैं और किसी भी मुकदमें में अप्रत्याशित जीत भी हासिल कर सकते हैं।

नियमित पाठ से होता है लाभ:

अगर आप हड्डी या आंख के रोग से पीड़ित हैं तो उस समय भी आप इसका पाठ कर सकते हैं। अगर आपका आपके पिता के साथ मतभेद हो गया है तो आप इसका नियमित पाठ करें। जो लोग प्रशासनिक सेवाओं में जाने के लिए तैयारी करते हैं, उन्हें भी इसका पाठ करना चाहिए। इससे उनकी सफलता तय हो जाती है।

सफलता और स्वास्थ्य पाने के लिए करें इस मंत्र का जाप:

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।

*- सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए तांबे के पात्र में फूल रखकर उन्हें जल अर्पित करें।

*- अगर आप सूर्य भगवान की कृपा पाना चाहते हैं तो प्रत्येक रविवार के दिन नदी के बहते पानी में चावल और गुड़ प्रवाहित करें।

*- नदी में तांबे का सिक्का बहाने से भी सूर्य देव की कृपा आप पर सदा बनी रहती है।

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