राजनीति

बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की हालत बेहद ही नाजुक, पत्नी और बच्चे पहुंचे हॉस्पिटल

बिहार की राजनीति में कई दशकों तक अपना प्रभाव रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद(RJD) अध्‍यक्ष लालू प्रसाद की स्तिथि काफी नाजुक बनी हुई है. उनका पूरा परिवार उनकी सेहत को लेकर बेहद चिंतित है. शुक्रवार को उनसे मिलने उनकी बेटी मीसा भारती पहुंची. इसके बाद राबड़ी देवी और दोनों पुत्र तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) और तेजस्‍वी यादव (Tejaswi Yadav) अपने पिता से मिलने रांची पहुंचे.

रांची स्थित रिम्स में लालू यादव का इलाज चल रहा है. लालू की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है. वहीं, उनकी तबीयत के बारे में रिम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने जानकारी दी कि लालू यादव के फेफड़ों में संक्रमण फेल चुका है और हम उनका इलाज कर रहे हैं. हमने एम्स में फेफड़ों के एचओडी के साथ उनकी हालत पर बातचीत की है.” अस्पताल में उनकी ऐसी हालत देखकर राबड़ी यादव खुद को संभाल न सकी और रोने लगी. उनको देखकर लालू यादव ने बीमारी में भी उनसे कहा- सब ठीक हो जाई, चिंता के बात ना बा. इसके बाद किसी तरह से राबड़ी ने अपने आप को संभाला.

बता दें कि शुक्रवार (22 जनवरी) रात के दरमियान लालू यादव की हालत अचानक खराब होने लगी. उनकी देख रेख कर रहे डॉ उमेश ने उनका हेल्‍थ चेक अप किया. इसके बाद उन्हें कुछ दवाएं दी गई. जानकारी के मुताबिक इस वक़्त उनकी हालत स्थिर बनी हुई है. लालू का परिवार उन्‍हें बेहतर इलाज के लिए आज ही दिल्‍ली में शिफ्ट करना चाहता है. इसी बाबत तेजस्‍वी यादव आज झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मिलने वाले है.


कई शारीरिक परेशानियों से लड़ रहे हैं लालू यादव
आपको बता दें कि लालू यादव को कई बिमारियों ने जकड़ रखा है. उन्हें दिल की बीमारी के साथ-साथ डायबिटीज और हाई ब्लड प्रैशर की समस्या भी है. इसके पहले उनका इलाज़ कर रहे रिम्स के डॉक्टरों ने ये जानकारी दी थी कि लालू प्रसाद यादव की किडनियां 75 प्रतिशत काम नहीं कर रही हैं. उनकी हालत बिगड़ती जा रही है. अगर उनकी स्तिथि में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें जल्द ही डायलिसिस पर रखना पड़ेगा.

चारा घोटाला
गौरतलब है कि लालू यादव इस वक़्त अपनी सजा काट रहे है. उन पर 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले का आरोप सही साबित हो चुके है. इस सबसे बड़े घोटाले कि कहानी वर्ष 1994 से शुरू होती है. यह घोटाला बिहार राज्य का सबसे बड़ा स्केंडल था जिसमें पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे के नाम पर सरकारी खजाने से 950 करोड़ रुपये गायब कर दिए गए. जब यह घोटाला हुआ तो राज्य में लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली उन्ही की राष्ट्रीय जनता दल की सरकार थी. इस घोटाले के सामने आने के बाद लालू पर भी सवाल उठे. विपक्ष ने लालू पर आरोप लगाए कि इतना बड़ा घोटाला बिना सरकार की मिलीभगत के हो ही नहीं सकता है. विपक्ष इस मामले कि सीबीआई जाँच कि मांग करने लगा. आज लालू यादव इसी मामले में सजा काट रहे है. इस मामले मे उन्हें छह अलग अलग मामलों में दोषी पाया गया था, जिसमे से वह पांच साल की सजा काट चुके है.

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