राजनीति

बंगाल में बीजेपी के रोड शो के दौरान एक बार फिर हुआ हमला, रैली पर हुई पत्थरों की बारिश

पश्चिम बंगाल में आने वाले समय में विधान सभा चुनाव होने वाले है. चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टिया बंगाल में सक्रिय हो चुकी है. राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो बीजेपी और ममता की टीएमसी में इस चुनाव में जोरदार टक्कर होने वाली है. इसका अंदाज़ा भी इसी बात से लगाया जा सकता है कि दोनों पार्टियों के नेता काफी भाषण बाज़ी कर रहे है.

अब ये चुनाव धीरे-धीरे हिंसक होते जा रहा है. हालिया मामला कोलकाता का है, जहां सोमवार को बीजेपी के रोड शो के दौरान पथराव हुआ. TMC छोड़कर भाजपा का हिस्सा बने शुभेंदु अधिकारी और केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष इस पथराव का निशाना बने. इस रैली के बाद शुभेंदु अधिकारी ने बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये हमला तृणमूल कांग्रेस ने करवाया है. ये रणनीति अब काम नहीं आएगी. प्रदेश की जनता हमारे साथ है और अब वे बदलाव चाहते है.

ख़बरों के अनुसार दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई भी हुई. आपको बता दें कि बीते 10 दिसंबर को तृणमूल (TMC) समर्थकों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान भी उग्र पथराव किया था. जेपी नड्डा के साथ बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद थे जिन्हे इस हमले के दौरान चोटें भी आई थी.

ममता के निशाने पर शुभेंदु अधिकारी

सोमवार को पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि वह उसी नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी, जहां से 2016 में कभी उनके खास रहे शुभेंदु अधिकारी ने चुनाव लड़ा था और जीता भी था. गौरतलब है कि पूर्वी मिदनापुर स्थित नंदीग्राम को शुभेंदु का गढ़ कहा जाता है. ममता ने शुभेंदु के बारे में बोलते हुए कहा कि किसी के दल बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. जब TMC बनी थी तो इनमे से कोई भी साथ नहीं था. मैं खुद नंदीग्राम और भवानीपुर से चुनाव लड़ूंगी.

इन लोगों ने छोड़ा TMC का साथ


आपको बता दें कि TMC के टूटने का सफर जारी है.19 दिसंबर को शुभेंदु अधिकारी, सांसद दशरथ तिर्की, सांसद सुनील मंडल के साथ-साथ 10 MLA ने भी बीजेपी की सदस्य्ता ग्रहण की थी. इनके अलावा सैकत पांजा, शीलभद्र दत्ता,अशोक डिंडा, तापसी मंडल, श्यांपदा मुखर्जी, बिस्वजीत कुंडू, सुदीप मुखर्जी, बनश्री माइती, दिपाली बिस्वास, शुक्र मुंडा पहले ही बीजेपी का हिस्सा बन चुके है.

बंगाल के भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इससे पहले 14 जनवरी को दावा किया था कि उनके पास TMC के 41 विधायकों का सपोर्ट है, जो बीजेपी में शामिल होना चाहते है. इनके आते ही बंगाल सरकार गिर जाएगी.

नंदीग्राम से ही क्यों चुनाव लड़ना चाहती है ममता ?
शुभेंदु अधिकारी की ये पारिवारिक सीट है. यहां से उनके पिता भी विधायक और सांसद रह चुके है. उनेक पिता UPA सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री के पद पर आसीन थे और इस वक़्त तृणमूल से सांसद हैं. शुभेंदु भी लगातार विधायक और सांसद का चुनाव यहां से जीतते आ रहे हैं. बता दें कि अधिकारी परिवार का 6 जिलों की 80 से ज्यादा सीटों पर प्रभाव है. इसलिए ममता यहां से जीत कर उनका प्रभाव कम करना चाहती है.

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