अध्यात्म

ज्योतिष ज्ञान: जाने किन लोगों को पन्ना धारण करना चाहिए, क्या है इसके लाभ

आपकी जन्म कुंडली में आपका भूत, वर्तमान और भविष्य सबकुछ होता है। ज्योतिष शास्त्र इसके आधार पर आपके बार में सबकुछ बता सकता है। इस जन्म कुंडली में जब कोई ग्रह अशुभ स्थान पर होता है तो वह मुसीबत पैदा कर सकता है। इसे अनुकूल बनाने के लिए फिर रत्न या जेम्स का सहारा लेना पड़ता है। यह रत्न आप अपनु अंगूठी या लॉकेट में जड़वा सकते हैं।

हालांकि इस रत्न को बिना किइसी ज्योतिष की सलाह के नहीं पहनना चाहिए। यदि आप गलत रत्न धरण कर लेते हैं तो काम बनने की बजाए बिगड़ भी जाते हैं। दरअसल हर एक ग्रह की स्थिति अनुकूल करने के लिए एक विशेष रत्न होता हा। बुध ग्रह को अनुकूल करना हो तो पन्ना धारण करना पड़ता है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि पन्ना धारण करने से क्या क्या लाभ होते हैं।

पन्ना पहनने के लाभ (Benefits of wearing Panna):

1. पन्ना पहनने से इंसान के मस्तिष्क का विकास होता है। इसे धारण करने के बाद आपकी बुद्धि में तेजी से वृद्धि होने लगती है। यह आपकी स्मरण शक्ति को भी बढ़ाता है।

2. यदि आप किसी पेट से जुड़े रोग से परेशान है तो पन्ना धारण करना चाहिए। इससे आपको लाभ मिलेगा।

3. बिजनेस में नुकसान हो रहा हो या नौकरी में प्रमोशन नहीं मिल रहा हो, पन्ना पहनने के बाद इन सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

4. पन्ना पहनने वाले की वाणी अपने आप सुधार जाती है। उसका बातचीत का तरीका पहले से और ज्यादा प्रभावशाली बन जाता है। लोग उसकी बातें ध्यान से सुनते हैं।

5. यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो उसकी कुंडली के आधार पर उसे पन्ना पहना देना चाहिए। इससे उसके सभी रोग समाप्त हो जाते हैं और शरीर में शक्ति भी आ जाती है।

6. धन की कमी हो तो घर की तिजोरी में पन्ना रखने से गरीबी दूर होती है। इसके साथ ही संतान का सुख भी प्राप्त होता है।

7. मिथुन लग्न वालों को पन्ना धारण करना चाहिए। इससे उनकी पारिवारिक समस्या कम हो जाएगी।

8. कन्या लग्न के पन्ना पहनने से राज्य, बिजनेस, पिता, नौकरी और सरकारी कामों में लाभ मिलता है।

9. ज्योतिष के मुताबिक यदि किसी जातक का 6, 8 और 12 का बुध स्वामी हो तो पन्ना पहनने से फायदे की बजाय नुकसान हो जाता है। इस स्थिति में ज्योतिष को कुंडली दिखाने के बाद ही पन्ना धारण करना चाहिए।

10. बुध की दशा हो और वह 8वें या 12वें भाव में विद्यमान है तो पन्ना नहीं पहनना चाहिए।

इसके अलावा उचित धातु, नक्षत्र, दिन या ग्रहों की स्थिति देखकर ही पन्ना पहनना चाहिए।

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