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लाल बहादुर शास्त्री जी की मौत आज भी बनीं हुई है रहस्य, जानें आखिर उस रात क्या हुआ था इनके साथ

11 जनवरी 1966 की रात हमारे देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की अचानक से मृत्यु हो गई थी। इनकी मृत्यु उस समय हुई थी जब ये ताशकंद समझौते के लिए सोवियत संघ के शहर ताशकंद गए हुए थे। कहा जाता है कि इन्होंने 10 जनवरी 1966 को पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ मुलाकात की थी और पाकिस्तान के साथ ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते को लेकर उन पर काफी दबाव भी था। वहीं ये समझौता होने के अगले दिन ही लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु हो गई। इनकी मौत आज भी एक रहस्य बनीं हुई है। क्योंकि ये मरने से पहले एकदम स्वस्थ थे और अचानक से इनकी मौत की खबर सामने आई थी।

इनकी मौत की वजह दिल का दौरा बताई गई थी। लेकिन सवाल ये है कि आखिर कुछ घंटे पहले शास्त्री जी एकदम सही लग रहे थे और हंसकर सबसे बात कर रहे थे। वहीं जैसे ही ये अपने कमरे में पहुंचे इनकी मौत हो गई। आखिर उस रात इनके साथ ऐसा क्या हुआ था?

समझौता करने के बाद रात को 1.32 बजे दिल का दौरा पड़ने से इनकी मृत्यु हो गई। देर रात को मौत होने के कारण देश के बहुत से अखबारों में ये खबर तक नहीं छपी थी। लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया ने रात के संस्करण को रोककर इस खबर को छापा था और लोगों तक इनकी मृत्यु की जानकारी पहुंचाई थी। खबर छापते हुए इस अखबार ने “शास्त्री डाइज आफ्टर ए हर्ट अटैक” की हेडलाइन लिखी थी।

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी इनकी मौत की खबर इस तरह थी,  ताशकंद में आज रात 1.32 बजे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का हृदय गति रुकने से निधन हो गया है। उनका पार्थिव शरीर आज सुबह वहां से विमान के जरिए दिल्ली लाया जा रहा है। श्री शास्त्री ने रात 1.25 बजे सीने में दर्द की शिकायत की। इसके बाद वो अचेत हो गए और सात मिनट के अंदर ही उनकी मृत्यु हो गई।

ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर के बाद रात में सोवियत संघ के प्रमुख अलेक्सी कोशिगिन ने उनके साथ खाना खाया था। जिसमें शास्त्री स्वस्थ और बेहतर लग रहे थे। उनके साथ दौरे पर गए मंत्री सरदार स्वर्ण सिंह ने बताया, जब शास्त्री ने हर्ट अटैक की शिकायत की तो कुछ ही मिनट में भारतीय डॉक्टर वहां पहुंच गया था। इसके बाद एक रूसी डॉक्टर भी वहां आ गया। दोनों ने मिलकर काफी समय तक उन्हें ठीक करने की कोशिश की लेकिन हृदय ने जवाब देना बंद कर दिया था। इस समय सोवियत संघ के प्रमुख कोशिगिन उसी जगह हैं, जहां शास्त्री का देहांत हुआ, उनकी आंखों में आंसू हैं।

मौत से पहले सार्वजनिक तौर पर कही थी ये बात

समझौता करने के बाद शास्त्री जी ने रात्रि भोज किया था और इसके बाद उन्होंने सार्वजनिक तौर पर इस समझौते पर प्रतिक्रिया भी दी थी। प्रतिक्रिया देते हुए इन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान के साथ उनका ये एक अच्छा समझौता हो गया। इसके बाद ये अपने कमरे में चले गए। जिसके कुछ समय बाद इनकी मौत हो गई।

वहीं मौत के बाद शास्त्री का पार्थिव शरीर विमान से सुबह 09.00 बजे दिल्ली लगाया गया था और यहां पर इनका अंतिम संस्कार किया गया था। प्रधानमंत्री का निधन होने के कारण केंद्रीय गृह मंत्री गुलजारी लाल नंदा को कार्यवाहक प्रधानमंत्री पद की शपथ दिला दी है।

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