अध्यात्म

रामायण बोलती है – ये 4 लोग कभी भी पीठ में छुरा घोंप सकते हैं, इनसे हमेशा दूर रहें

जीवन में सुख से जीने में हमारे धर्म ग्रंथ भी एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इनमें कई सिख की बातें कही गई होती है। अब ‘रामायण’ को ही ले लीजिए। इसकी लगभग हर चौपाई में एक अहम ज्ञान छिपा है। मसलन एक चौपाई ‘सेवक सठ नृप कृपन कुनारी। कपटी मित्र सूल सम चारी’ में चार ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है जिनसे हमे जीवन में दूरी बना लेनी चाहिए। यदि आप इन लोगों के करीब रहते हैं तो मुसीबत आपका पीछा कभी नहीं छोड़ेगी।

मूर्ख सेवक: रामायण के अनुसार हमे सेवक सठ यानि मूर्ख सेवक को घर में नहीं रखना चाहिए। यह आपको कभी भी नुकसान पहुंचा सकता है। मूर्ख होने की वजह से इसे कब क्या और कैसे बोलना है इसका इल्म नहीं होता है। वह अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करते हुए आपकी मान प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचा सकता है। उसके द्वारा कब, किस जगह क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। इसलिए इनसे दूरी बना लेने में ही लाभ होता है।

कंजूस राजा: रामायण के मुताबिक हमे नृप कृपन मतलब कंजूस राजा से दूर रहना चाहिए। इसकी वजह ये है कि एक कंजूस व्यक्ति अपने धन को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। फिर वह यह परवाह नहीं करता है कि सामने वाले को उसकी वजह से कितना बड़ा नुकसान होने जा रहा है। इसलिए ऐसे कंजूस राजा या व्यक्ति से दूर रहने में ही भलाई है।

कुलटा स्‍त्री: रामायण की माने तो हमे कुनारी यानी कुलटा स्‍त्री से जितना हो सके दूर रहना चाहिए। इस प्रकार की स्त्रियाँ परिवार की मर्यादा और सम्‍मान की धज्जियां उड़ा देती है। उन्हें बस अपनी सुख सुविधाओं से मतलब होता है। फिर आपका परिवार चाहे कितने भी दुख झेले। इसलिए आप इस तरह की स्त्री से कोई भी संबंध न रखे। इसी में आपके कुल की भलाई है।

कपटी मित्र: रामायण कहती है कि हमे जीवन में कपटी मित्रों से दोस्ती नहीं करनी चाहिए। कपटी मित्र वह होते हैं जो सुख में तो आपका भरपूर साथ देते हैं लेकिन जब दुख बांटने की बारी आती है तो कोसों दूर चले जाते हैं। ये कपटी मित्र अपने फायदें के लिए आपका नुकसान करवा सकते हैं। इनके साथ रहने पर आपके ऊपर मुसीबत का खतरा हमेशा बना ही रहता है। इसलिए ऐसे मित्रों से दोस्ती न की जाए तो ही अच्छा होता है।

उम्मीद करते हैं कि आप रामायण की सिखाई इस बात को अपने निजी जीवन में भी लागू अवश्य करेंगे। जानकारी पसंद आई हो तो इसे शेयर करना न भूले।

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