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महिला ने अपनी कार पर लगा रखा था रतन टाटा की कार का नंबर, ई-चालान कटने पर खुली पोल

मुंबई की ट्रैफिक पुलिस ने हाल ही में प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा को ट्रैफिक नियम तोड़ने के लिए एक ई-चालान भेजा था। लेकिन जिस गाड़ी का चालान काटा गया, वो रतन टाटा की नहीं थी। बल्कि कोई व्यक्ति अपनी कार पर उद्योगपति रतन टाटा की कार का नंबर इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस ने इस मामले की जांच की तो पाया कि एक महिला ने रतन टाटा की गाड़ी वाला नंबर अपनी कार पर लगा रखा था। पुलिस के अनुसार इस केस की अच्छे से पड़ताल करने पर पता चला की ये मामला अंकशास्त्र से जुड़ा हुआ था।

पुलिस के मुताबिक आरोपी महिला से जब पूछताछ की गई तो उसने कहा कि उसे ये नहीं पता था कि जिस नंबर का वो इस्तेमाल कर रही है, वो रतन टाटा की गाड़ी का नंबर है। महिला ने पुलिस को बताया कि उसे किसी ज्योतिषी ने कार के लिए खास नंबर की प्लेट इस्तेमाल करने की सलाह दी थी। जिसके बाद उसने इस नंबर की प्लेट अपनी कार पर लगा दी।

मुंबई पुलिस के अफसरों ने इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि रात के समय महिला को पकड़ गया था। आरोपी महिला थी, लिहाजा उसे फौरन पूछताछ के लिए थाने नहीं बुलाया गया। महिला को अब बुधवार को थाने बुलाया गया है। मुमकिन है कि पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया जाए। मुंबई पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 465 के तहत मामला दर्ज किया है।

पुलिस के मुताबिक गलती से वर्ली में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए रतन टाटा को ई-चालान भेजा गया था। इस पर टाटा समूह के अधिकारियों ने बताया कि उनकी कार ने कोई यातायात उल्लंघन नहीं किया। जिसके बाद इस मामले की जांच शुरू की गई। पुलिस ने उन सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया जहां से ई चालान जारी किया गया था। सीसीटीवी की मदद से पुलिस ने पाया कि एक कार ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है। जिस पर रतन टाटा की कार का नंबर लगा हुआ था। पुलिस ने आगे की जांच की तो पाया कि एक महिला अपनी कार पर रतन टाटा के कार का नंबर लगाकर चल रही थी।

पुलिस ने उस महिला को पकड़ लिया। दरअसल कार एक कंपनी से जुड़ी हुई है। जिसका नाम मेसर्स नरेंद्र फॉरवड्रेस प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी की मालिक आरोपी महिला है। पुलिस ने महिला की कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है और कार को जब्त कर लिया है।

एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा, महिला ने बताया कि ज्योतिषीय अंक का लाभ लेने के लिए उसने असली नंबर प्लेट में फेरबदल किया गया था और अपनी कार पर नकली नंबर प्लेट का इस्तेमाल कर रही थी। रतन टाटा के स्वामित्व वाली कार को भेजे गए सभी ई चालान अब आरोपी को ट्रांसफर कर दिए गए हैं। हम लोगों से अपील करते हैं कि किसी भी स्थिति में वे फर्जी नंबर प्लेट का इस्तेमाल न करें।

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