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ISRO के वैज्ञानिक ने किया दावा, कहा- मारने की हो रही है कोशिश घर में छोड़े जा रहे हैं सांप

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के सीनियर एडवाइजर और शीर्ष वैज्ञानिक डॉ. तपन मिश्रा ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा है कि उन्हें तीन बार जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। रिटायर होने से पहले डॉ. तपन मिश्रा ने 5 जनवरी को साेशल मीडिया एक पोस्ट लिखा और इस पोस्ट में इन्होंने कई सारे चौंकाने वाले दावे किए। इन्होंने ये पोस्ट लिखते हुए कहा कि बाहरी लोग नहीं चाहते कि ISRO और इसके वैज्ञानिक आगे बढ़ें और कम लागत में टिकाऊ सिस्टम बनाएं।

डॉ. मिश्रा के अनुसार उनपर अंतरराष्ट्रीय जासूसी ने हमला किया है। इन्होंने ‘लॉन्ग केप्ट सीक्रेट’ नामक एक पोस्ट में ये दावा किया कि जुलाई 2017 में गृह मामलों के सुरक्षाकर्मियों ने उनसे मुलाकात की थी। इस दौरान इन्हें आर्सेनिक जहर दिए जाने के प्रति सावधान किया गया था। मुलाकात के बारे में लिखते हुए इन्होंने कहा कि उनके द्वारा डॉक्टरों को दी गई जानकारी के चलते ही मेरा सटीक उपचार हुआ और मैं बच सका।

मंगलवार को साेशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखते हुए वैज्ञानिक मिश्रा ने कहा कि पहली बार 23 मई 2017 को बेंगलुरु मुख्यालय में प्रमोशन इंटरव्यू के दौरान मुझे ऑर्सेनिक ट्राइऑक्साइड दिया गया था। इसे शायद लंच के बाद डोसे की चटनी में मिलाया गया था। ताकि लंच के बाद मेरे भरे पेट में ये रहे। फिर शरीर में फैलकर ब्लड क्लॉटिंग का कारण बनें और हार्ट अटैक से मौत हो जाए। लेकिन मुझे लंच अच्छा नहीं लगा। इसलिए चटनी के साथ थोड़ा सा डोसा खाया। इस कारण केमिकल पेट में नहीं टिका। हालांकि, इसके कारण दो साल बहुत ब्लीडिंग हुई।

इनके मुताबिक, ‘दूसरा हमला इनपर चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग से दो दिन पहले हुआ था। इन्होंने बताया कि 12 जुलाई 2019 को हाइड्रोजन साइनाइड से मुझे मारने की कोशिश हुई। NSG अफसर की वजह से जान बच गई। तीसरी बार सितंबर 2020 में आर्सेनिक देकर मारने की कोशिश हुई। इसके बाद मुझे सांस की गंभीर बीमारी, फुंसियां, चमड़ी निकलना, न्यूरोलॉजिकल और फंगल इंफेक्शन समस्याएं होने लगीं।

इन्होंने कहा कि अहमदाबाद स्थित इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (सेक) में 3 मई 2018 को धमाका हुआ था। जिसमें मैं बच गया। धमाके में 100 करोड़ रुपए की लैब नष्ट हो गई। जुलाई 2019 में एक भारतीय-अमेरिकी प्रोफेसर मेरे ऑफिस आए। मुंह न खोलने के एवज में मेरे बेटे को अमेरिकी इंस्टीट्यूट में दाखिले का ऑफर दिया। मैंने इनकार किया तो मुझे सेक डायरेक्टर के पद से हाथ धोना पड़ा।

डॉ. मिश्रा बताते हैं कि दो साल से घर में कोबरा, करैत जैसे जहरीले सांप मिल रहे हैं। इससे निपटने के लिए हर 10 फुट पर कार्बोलिक एसिड की सुरक्षा जाली लगाई गई है। इसके बावजूद सांप मिल रहे हैं। एक दिन घर में एल अक्षर के आकार की सुरंग मिली, जिससे सांप छोड़े जा रहे थे। ये लोग चाहते हैं कि मैं मार जाऊं। देश मुझे और मेरे परिवार को बचा ले। डॉ. विक्रम साराभाई की रहस्यमय मौत का हवाला देते हुए इन्होंने इस पूरे मामले की केंद्र सरकार से जांच की मांग की है।

डॉ. मिश्रा के अनुसार इन पर ये हमला इसलिए किए गए ताकि भारत, सैन्य और कमर्शियल महत्व के सिंथेटिक अपर्चर रडार न बना सके। डॉ. मिश्रा 31 जनवरी 2021 को रिटायर हो रहे हैं और रिटायर होने से पहले इन्होंने ये चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

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