अध्यात्म

बहुत ही शक्तिशाली होता है सुंदरकांड, इसे पढ़ने से दूर हो जातें हैं जीवन के हर कष्ट

हनुमान जी की कृपा पाना और इन्हें प्रसन्न करना बेहद ही सरल है। हनुमान जी की पूजा करके और इनसे जुड़े पाठों को पढ़कर कोई भी इनकी कृपा पा सकता है। मान्यता है कि जो लोग हनुमान जी के पाठों को पढ़ते हैं, बजरंगबली उनकी सदा रक्षा करते हैं और उनकी परेशानियों को दूर कर देते हैं। अगर आपके जीवन में किसी भी तरह का कष्ट या दुख है, तो परेशान न हों। बस मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ कर लें। सुंदरकांड का पाठ पढ़ने से सभी दुखों का निवारण हो जाएगा। शास्त्रों में इस पाठ को काफी असरदार बताया गया है। हालांकि अगर सही से ये पाठ पढ़ा जाए, तभी हनुमान जी की कृपा बन पाती है। इसलिए जब भी ये पाठ करें तो नियम अनुसार ही इसे पढ़ें।

सुंदरकांड का महत्व

हनुमान जी को बल और बुद्धि का देवता माना जाता है। इनकी पूजा करने से जीवन की किसी भी समस्या से निजात पाई जा सकती है। जो लोग सुंदरकांड का पाठ करते हैं। उनके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है और हर कार्य में उन्हें सफलता मिलती है। इसके अलावा प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करने से एकाग्रता और आत्मविश्वास में वृद्धि भी होती है।

सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्ति हमेशा दूर रहती है। जीवन में कभी भी आपको निराशा हों या कोई चीज आपको कष्ट दे। तो आप बस इस पाठ को पढ़ लें।

सुंदरकांड का पाठ घर पर आसानी से पढ़ा जा सकता है। हालांकि ये पाठ पढ़ते हुए कई बातों का ध्यान रखना होता है। सुंदरकांड का पाठ पढ़ते समय नीचे बताई गई बातों का पालन करें।

सुंदरकांड पाठ के नियम

  1. कई लोग इसे मंगलवार के दिन पढ़ते हैं तो कई लोग प्रतिदिन इस पाठ को पढ़ा करते हैं। इसलिए आप अपने हिसाब से ये पाठ कर सकते हैं।

2. इस पाठ को केवल शाम के समय पढ़ा जाता है। इसलिए ये पाठ  हमेशा शाम 7 बजे के बाद ही पढ़ें।

3. अगर आप विशेष फल की प्राप्ति के लिए सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं। तो इस पाठ की शुरुआत मंगलवार या शनिवार के दिन से ही करें।

4. सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले खुद को स्वच्छ रखें। कभी भी गंदे हाथों व पैरों से इस पाठ की किताब को न छूएं।

5. सुंदरकांड का पाठ करने से पहले पूजा स्थल पर हनुमान जी की मूर्ति जरूर रखें। हो सके तो साथ में राम-सीता की मूर्तियां भी रखा करें।

6. हनुमानजी के सामने देसी घी का दीप जलाएं और उन्हें मिठाई अर्पित करें।

7. सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले राम भगवान का नाम लें और उसके बाद ये पाठ पढ़ें।

8. पाठ पूरा होने के बाद राम जी का नाम लें और आंखे बंद कर हनुमान जी का ध्यान लगाएं और पाठ की किताब को अच्छे से मंदिर में रख दें।

9. हो सके तो सुंदरकांड करते समय तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस की भी पूजा करें।

10. सुंदरकांड का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के अंदर से नकारात्मक शक्तियां दूर चली जाती है।

तो ये थी कुछ महत्वपूर्ण बातें, जिनका पालन आप सुंदरकांड पढ़ते समय जरूर करें। ये पाठ पढ़ने के कुछ ही दिनों में आपको इसका फल मिलने लग जाएगा।

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