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2021 में इन 5 राशियों पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या, 2 पर तो पूरे साल रहेगा प्रभाव

भारतीय ज्योतिष के अनुसार नवग्रहों में से एक ग्रह, शनि की साढ़े सात वर्ष चलने वाली एक प्रकार की ग्रह दशा होती है. ज्योतिष एवं खगोलशास्त्र के नियमानुसार सभी ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते रहते हैं. इस प्रकार जब शनि ग्रह लग्न से बारहवीं राशि में प्रवेश करता है तो उस विशेष राशि से अगली दो राशि में गुजरते हुए अपना समय चक्र पूरा करता है.

शनि की मंथर गति से चलने के कारण ये ग्रह एक राशि में लगभग ढाई वर्ष यात्रा करता है, इस प्रकार एक वर्तमान के पहले एक पिछले तथा एक अगले ग्रह पर प्रभाव डालते हुए ये तीन गुणा, अर्थात साढ़े सात वर्ष की अवधि का काल साढ़े सात वर्ष का होता है. भारतीय ज्योतिष में इसे ही साढ़े साती के नाम से जाना जाता है.

आमतौर पर कहा जाता है कि शनि एक राशि पर ढाई साल के लिए रहते हैं. जिस राशि में शनि प्रवेश करते हैं उस राशि में वह उससे पहले और बाद राशि वाले व्यक्ति को अधिक प्रभावित करते हैं. मान लीजिये आपकी राशि धनु है, तो उसके पहले और बाद वाली राशियां मकर और वृश्चिक हैं. धनु इन दोनों राशियों के बीच में आता है, इसलिए शनि के साढ़े साती का असर केवल धनु पर नहीं बल्कि मकर और वृश्चिक पर भी पड़ेगा.

इन राशियों पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या

साल 2021 में कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव रहेगा. जिन राशियों पर आने वाले साल में साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव रहेगा, वे राशियां हैं- धनु, मकर, कुंभ, मिथुन और तुला. बता दें, मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव पूरे साल रहेगा. ऐसे में शनि दोष के कुछ उपाय है, जिन्हें करने से शनि की ढैय्या के प्रभाव को कम किया जा सकता है.

शनिदोष से मुक्ति के उपाय

  • हर शनिवार को शनिदेव के लिए व्रत रखें और शनि मंदिर जाकर शनिदेव को तेल चढ़ाएं.
  • हर शनिवार को पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाने के साथ सरसों के तेल का दीपक जलाएं. हर शाम ऐसा करें.
  • हनुमान जी की पूजा और नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.

पूजा करते समय रखें इन बातों का ध्यान

  • पूजा के दौरान शनिदेव की आंखों में गलती से भी न देखें. शनिदेव की चरणों की तरफ ध्यान कर पूजा संपन्न करें.
  • शनिदेव की शिलारूप में पूजा करें, आशीर्वाद तभी प्राप्त होगा.
  • शमी और पीपल के पेड़ की आराधना करें. ऐसा करने से कष्ट कम हो जाते हैं.
  • शनि देव को दीपक जलाएं.

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