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जिन टावरों को अंबानी का समझकर तोड़ रहे हैं किसान, उन्हें ब्रुकफील्ड को बेच चुकी है रिलायंस

नए किसान बिल के विरोध में किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से ये कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच हाल ही में किसानों ने पंजाब में रिलायंस जियो (Reliance Jio) के कई मोबाइल टावरों को तोड़ा है। साथ में ही कई किसानों ने अपने जियो का नंबर भी पोर्ट करवा लिया है। किसानों का कहना है कि सरकार के नए काननू से मुकेश अंबानी को फायदा मिलेगा।

इसलिए वो मुकेश अंबानी के विरोध में ये सब कर रहे हैं। लेकिन हाल ही में किसानों ने जिस टावर को मुकेश अंबानी की कंपनी का टावर समझकर तोड़ा था वो किसी ओर कंपनी का टावर निकला है। किसानों की इस गलती के कारण टावर लगाने वाली कंपनी को काफी नुकसान पहुंचा है।

दरअसल पंजाब में किसानों द्वारा जो टावर तोड़े जा रहे हैं, वो पहले रिलायंस कंपनी के ही हुआ करते थे। लेकिन रिलायंस ने ये टावर  ब्रुकफील्ड को बेच दिए हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सितंबर 2020 में इस बात की घोषणा भी की थी कि जियो के दूरसंचार टावर कनाडा की ब्रुकफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स एलपी को बेचे जा चुके हैं। ब्रुकफील्ड कंपनी ने 100 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी खरीदी है। इसका मतलब है कि पूरा टावर बिजनेस ब्रुकफील्ड का है। ये डील इन दोनों कंपनियों के बीच 25,215 करोड़ रुपये में हुई थी।

इस डील से रिलायंस को जो पैसे मिले थे उनकी मदद से जियो इंफ्राटेल का कर्ज चुकाया गया था। रिलायसं कंपनी ने खुद इस बात की जानकारी दी थी और कहा था कि ब्रुकफील्ड के साथ हुई डील में जो पैसे उन्हें मिले थे। उससे कर्ज चुकाया गया है।

वहीं किसानों को इस डील की जानकारी नहीं थी। जिसके कारण किसान जिन टावरों को मुकेश अंबानी की कंपनी का समझकर तोड़ रहे हैं, वो कनाडा की ब्रुकफील्ड के हैं। वहीं टावर को तोड़ने के कारण रिलायंस जियो को नुकसान भी हो रहा है। क्योंकि इस कंपनी के मोबाइल नेटवर्क बिना टावर के काम नहीं कर रहे हैं।

गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों का किसान विरोध कर रहे हैं और किसानों का कहना है कि मोदी सरकार की ओर से बनाए गए ये तीन नए कानूनों से किसानों को नुकसान होगा। जबकि मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी जैसे उद्योगपतियों को इन कानून से लाभ होगा।

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