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चाय बेचकर बेटे को दिलाया MBBS कॉलेज में दाखिला, पढ़ें दीपक शर्मा की प्रेरणादायक कहानी

मेहनत के दमपर दुनिया में किसी भी चीज को हासिल किया जा सकता है। ये बात सच कर दिखाई है दीपक शर्मा ने। दीपक शर्मा एक गरीब परिवार से नाता रखते हैं। लेकिन इनका सपना डॉक्टर बनने का था। पैसों की कमी के कारण ये अच्छे स्कूल में दाखिला न ले सके और बिना ट्यूशन लिए इन्होंने पढ़ाई की। दीपक शर्मा के पिता एक चाय की दुकान चलाया करते हैं और हरियाणा के हिसार जिले के आदमपुर में गोपीराम धर्मशाला के बाहर चाय बेचा करते हैं। दीपक के पिता का सपना था कि उनका बेटा डॉक्टर बनें।

रामचंद्र शर्मा ने दिन रात मेहनत कर अपने बेटे दीपक को अच्छी शिक्षा दिलाने की कोशिश की और इनकी मेहनत की वजह से ही आज दीपक को एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिला गया है। दीपक शर्मा का राजस्थान के सीकर स्थित सरकारी मेडिकल कॉजेल में दाखिला हुआ है। दीपक के पिता रामचंद्र शर्मा का कहना है कि उनका सपना था कि बेटा डॉक्टर बनकर देश की सेवा करे और अब ये सपना सच होता हुआ दिख रहा है।

दीपक के परिवार की आर्थिक हालात कुछ अच्छी नहीं थी। इनके पिता रामचंद्र शर्मा चाय की दुकान चलाकर घर की छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करते हैं। रामचंद्र शर्मा की इसी मेहनत के कारण आज इनका बेटा इस मुकाम तक पहुंचा पाया है।

दीपक ने दसवीं की परीक्षा बीकानेर के शादुल स्पोर्टस स्कूल से पास की व बाहरवीं की परीक्षा जीनियस स्कूल अनूपगढ़ से पास की। 12 वीं कक्षा पास करने के बाद दीपक ने कोचिंग लेने की इच्छा जताई। पिता को मामूल था कि उनका बेटा होशियार है और अगर वो कोचिंग लेते है तो जरूर उसे सरकारी मेडिकल कॉजेल में दाखिला मिल जाएगी। रामचंद्र शर्मा ने अपने बेटे के भविष्य के बारे में सोचते हुए उसका दाखिला कोचिंग में करवा दिया।

दीपक ने बताया कि उसने कोचिंग के अलावा घर पर लगभग 8-10 घंटे प्रतिदिन पढ़ाई की। वो रात के समय ही ज्यादातर पढ़ाई करता था। पढ़ाई के दौरान जब भी उसे तनाव महसूस होता था तो वो परिजनों से फोन पर बात कर लेता था। दीपक के अनुसार उसने इस दौरान सोशल मीडिया से दूरी बनाई रखीं। दीपक ने बताया कि उसके पिता ने टी स्टाल चला कर उसे पढ़ाया है और उसके पिता का सपना था कि वो डॉक्टर बने। जिसे अब वो पूरा करने वाले हैं।

दीपक ने बताया कि उनके माता अनपढ़ है और उसकी बड़ी बहन हिना शर्मा ने बीएससी और बीएड की परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयार कर रही है। दीपक शर्मा की ये कहानी उन लोगों के लिए  प्रेरणादायक है। जो कि जीवन में कुछ बनना चाहते हैं।

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