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कोरोना काल में सरकार की योजना, नहीं होगा संसद का शीतकालीन सत्र, जनवरी में शुरू होगा बजट सेशन

कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना काल में सभी लोगों को बहुत सी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है, इसी बीच कोरोना के बढ़ते प्रकोप की वजह से इस वर्ष का संसद के शीतकालीन सत्र का आयोजन नहीं किया जाएगा। वैसे देखा जाए तो ऐसा काफी लंबे समय बाद हुआ है, जब संसद का कोई भी सत्र नहीं हो रहा है। आपको बता दें कि इसी मामले पर बीते दिनों पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संसदीय मंत्री को एक पत्र लिखा था।

आपको बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हाल ही में इस बात की जानकारी दी थी और यह बताया था कि कई दलों के नेताओं से चर्चा के पश्चात आम राय बनी थी कि सत्र नहीं बुलाना चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी का ऐसा बताना है कि “कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए शीतकालीन सत्र के पक्ष में कोई नहीं था, जिसके पश्चात अब सीधे जनवरी में बजट पत्र बुलाया जाएगा।”

आपको बता दें कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को पत्र लिखकर इस बात की सूचना दी थी कि इस बार कोरोना वायरस महामारी के कारण शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया जा सकता है और अगले वर्ष जनवरी में बजट का आयोजन होगा। उन्होंने अपने पत्र में यह लिखा कि कोरोना के कारण मानसून सत्र सितंबर में शुरू हुआ था और कई जरूरी प्रोटोकॉल भी फॉलो करने पड़े थे।

प्रह्लाद जोशी ने लिखा कि “सर्दी का मौसम कोरोना की वजह से अहम रहा है और दिल्ली में भी कोरोना के लगातार केस बढ़े हैं। फिलहाल में दिसंबर महीना आधा बीत गया है और हमें जल्दी कोरोना वैक्सीन मिलने की उम्मीद है। ऐसी स्थिति में मैंने कई फ्लोर लीडर से संपर्क किया है और शीतकालीन सत्र पर बात की है।”

कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखा था, जिसमे शीतकालीन सत्र को शुरू करने की मांग की गई थी। उन्होंने यह कहा था कि भले ही शीतकालीन सत्र कुछ ही दिनों के लिए ही हो। इसके अलावा अधीर रंजन ने यह आरोप भी लगाया था कि केंद्र सरकार संसद में किसान आंदोलन जैसे मुद्दे पर सवालों से भागने की कोशिश कर रही है।

गौरतलब है कि देशभर में कोरोना वायरस का संकट लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अगर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देखा जाए तो अब तक 99 लाख 6 हजार 165 लोग कोरोना वायरस जैसी गंभीर महामारी की चपेट में आ चुके हैं, जिसमें से लाखों लोगों की मृत्यु हो चुकी है परंतु खुशी की बात यह भी है कि बहुत से लोग कोरोना वायरस बीमारी से ठीक होकर अपने-अपने घर भी जा चुके हैं परंतु फिलहाल में कोरोना के लाखों एक्टिव केस मौजूद हैं।

कोरोना वायरस का संकट, वैक्सीन का इंतजार, कृषि कानून पर मचा घमासान समेत कई अन्य मुद्दे हैं जिन पर विपक्ष लगातार हमला बोल रही है। कई बार संसद का सत्र बुलाने की भी मांग की गई है, ऐसी स्थिति में अगर संसद का सत्र आरंभ होता है तो सरकार और विपक्ष के बीच घमासान होगा।

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