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जब सिक्युरिटी अलार्म पर तुरंत एक्शन में आए सुरक्षाकर्मी, संसद में मची अफरा तफरी!

गुरुवार को संसद भवन में अचानक अफरा तफरी मच गयी. सभी सुरक्षाकर्मी तुरंत अपनी पोजीशन में तैनात हो गए. खतरे की घंटी सुनते ही जवानों ने जैसी मुस्तैदी दिखाई वह देखने लायक थी. लेकिन कहीं न कहीं इस घटना ने सभी जवानों के दिल में सोलह साल पहले हुए संसद पर हमले की तस्वीरें जरूर ताजा कर दीं.

अचानक सिक्युरिटी अलार्म बज उठा :

दरअसल मामला यह है कि संसद के गेट नं. 1 पर गुरुवार की दोपहर अचानक सिक्युरिटी अलार्म बज उठा. नतीजा यह हुआ कि अलार्म की आवाज सुनते ही सभी जवान चौकन्ने हो गए और तुरंत संसद की सुरक्षा को अभेद्य बनाये रखने के लिए अपनी अपनी पोजीशन ले लिए.

बाद में पता चला कि कोई बड़ा खतरा फिलहाल नहीं है और ये सायरन इसलिए बजा है क्योंकि एक कार गलती से संसद के गेट से टकरा गई थी. इसके बाद स्थितियां सामान्य हो गईं. हो न हो इस घटना ने सबके जेहन में 16 साल पहले हुए हमले की यादें ताजा कर दी.

वैसे भी अभी संसद सत्र के तहत कार्यवाही चल रही है. जिसके लिए संसद सदस्य संसद परिसर में मौजूद थे. ऐसे में सुरक्षा कर्मियों की जिम्मेदारी और भी ज्यादा बढ़ जाती है. यह घटना वैसे तो किसी खतरे की घंटी नहीं थी लेकिन फिर भी सुरक्षा अधिकारियों ने पूरी सुरक्षा टोली को फिलहाल बदल दिया है और सतर्कता भी बढ़ा दी गयी है. संसद की सुरक्षा के लिए जवान पूरी मुस्तैदी से लगे हुए हैं.

आपको बता दें कि 16 साल पहले साल 2001 में 13 दिसम्बर को भारतीय लोकतंत्र के मंदिर कहे जाने वाले संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ था. तब कार में सवार होकर आये आतंकियों ने संसद पर हमला किया था. आतंकी एक वीआईपी की कार से संसद परिसर में घुस आये थे.

जब संसद पर हमला हुआ तब भी संसद की कार्यवाही चल रही थी. तब परिसर में गोलीबारी होने के करीब 40 मिनट पहले ही संसद के दोनों सदन स्थगित हुए थे. 13 दिसम्बर भारतीय राजनीति में हमेशा याद किया जाने वाला दिन बन गया. उस दिन सुबह करीब 11:25 बजे 5 आतंकवादियों ने कार में सवार होकर संसद भवन परिसर में प्रवेश किया. वो आतंकी हैण्ड ग्रेनेड और एके 47 राइफल से लैस थे.

इसके बाद सुरक्षा बलों ने आतंकियों के साथ मुठभेड़ कर सभी आतंकियों को ढेर कर दिया था. हमले में कई सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे. जिनमें दिल्ली पुलिस के 5 जवान, एक सीआरपीएफ की महिला कांस्टेबल और संसद के दो गार्ड शामिल थे. मुठभेड़ में 16 सुरक्षाकर्मी घायल भी हुए थे. सभी आतंकियों को मार गिराया गया था. लेकिन यह दिन आज भी भारत के दिल में काले दिन के रूप में गड़ता है. क्योंकि इस दिन भारत के संविधान पर हमला हुआ था और सुरक्षाकर्मियों ने अपने जीवन की कुर्बानी देकर भी संसद भवन की रक्षा की.

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