राजनीति

विकास के क्षेत्र में बरकरार रहेगी भारत की बादशाहत, 7.4% रहेगी भारत की वृद्धि दर तो 6.5% पर सिमट जाएगा चीन!

मोदी सरकार की विकासवादी आर्थिक नीतियों का असर अब वैश्विक पटल पर दिखने लगा है. अब तमाम वैश्विक रिपोर्ट्स में भारत दक्षिण एशियाई राष्ट्रों में चीन को भी पीछे छोड़ता नजर आ रहा है. बीते दिनों मेड इन कंट्रीज रिपोर्ट में भारत ने चीन को 7 पायदान पीछे छोड़ दिया था. अभी हाल ही में एशियाई विकास बैंक की विकास संबंधी रिपोर्ट आई है. जिसमें बताया गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर बहुत अच्छी है और यह आगे भी बरकरार रहेगी.

एशियाई डेवलपमेंट बैंक की रिपोर्ट में वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर में सुधार के बाद 7.4% रहने का अनुमान है. बताया जा रहा है कि यह अगले वित्तीय वर्ष तक बढ़कर 7.6% तक हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो भारत चीन से आगे बना रहेगा. एशियाई विकास बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत में नोटबंदी से पड़ने वाले विपरीत प्रभावों का असर खत्म हो चुका है.

नोटबंदी के बावजूद हासिल किया लक्ष्य :

एडीबी ने अपनी रिपोर्ट एशियन ग्रोथ प्रोस्पेक्टस में बताया कि भारत में नोटबंदी के दौरान बड़े नोटों को बंद करने से मार्केट पर पड़ने वाले असर को नए बैंक नोटों ने लगभग खत्म कर दिया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि अच्छे वित्तीय सुधारों के आने की उम्मीद है. एशियाई विकास बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बेहतर निवेश की संभावनाएं बढ़ रही हैं. भारत ने अपने विकास दर के लक्ष्य को हासिल किया है. इसमें भी गौर करने वाली बात यह है कि नोटबंदी जैसी आर्थिक आपात स्थिति में भी भारत अपने आर्थिक विकास के लक्ष्य तक पहुंचने में सफल रहा है.

भारत के लिए संभावनाएं तो चीन के लिए आशंकाएं :

रिपोर्ट में भारत और चीन की आर्थिक स्थितियों का हवाला देते हुए बताया गया है कि चालू वित्तीय वर्ष और अगला वित्तीय वर्ष भारत के लिए क्या संभावनाएं लाएगा साथ ही चीन के चालू वित्त वर्ष और भावी वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था से जुडी क्या आशंकाएं हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.1% रही, जबकि चालू वित्त वर्ष में 7.4 और अगले वित्त वर्ष में इसके 7.6% तक पहुंचने के अनुमान हैं. वहीं चीन की आर्थिक वृद्धि दर की बात करें तो पिछले वित्त वर्ष में चीन की आर्थिक विकास दर 6.7% रही जो कि चालू वित्त वर्ष में 6.5% और अगले वित्त वर्ष में 6.2% तक सिमट कर रहने की आशंका है.

भारत की अच्छी नीतियों का नतीजा :

रिपोर्ट में भारत में हुए हालिया आर्थिक सुधारों की सराहना की गयी है और चीन की सरकार के प्रयासों को नाकाफी बताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एफडीआई संबंधी नीतियों को उदारवादी बनाने और जीएसटी लागू करने जैसे कदमों का पक्ष लिया गया है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत ने कारोबार का माहौल बनाने के लिए भी अच्छे कदम उठाये हैं.

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