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अजब ग़जब : पिता को 3 महीने की सैलरी नहीं मिली तो जुड़वा बच्चों को सड़क पर छोड़ भाग गया

कोरोना वायरस ने देश की अर्थव्यवस्था को झंझोड़ के रख दिया है। इस महामारी की मार हर कोई झेल रहा है। जब कोरोना की वजह से लॉकडाउन हुआ था तो कई कंपनियां कुछ दिनों के लिए बंद हो गई थी। बहुत से काम करने वाले कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली थी। कइयों की तो जॉब भी चली गई थी। अब लॉकडाउन हट गया है। लेकिन पिछली सैलरी के लिए अभी भी लोग भटक रहे हैं। ऐसे में दिल्ली के रहने वाले एक शख्स ने तीन महीने से सैलरी न मिलने पर अपने डेढ़ साल के जुड़वा बच्चों को सड़क पर छोड़ दिया। आइए विस्तार से जाने आखिर ये मामला क्या है।

3 महीने से नहीं मिली थी सैलरी

दरअसल दिल्ली के 5 शाम नाथ मार्ग पर नरेश नाम के एक व्यक्ति ने अपने जुड़वा बच्चों को लावरिस छोड़ दिया। जब सिक्योरिटी गार्ड से पुलिस को इस बात की खबर मिली तो उन्होंने बच्चों को तुरंत उनके माता पिता के पास सही सलामत पहुंचा दिया। बच्चों को छोड़ने के पीछे पिता का तर्क था कि उसे पिछले तीन महीनों से सैलरी नहीं मिली है।

लगाई थी मदद की गुहार

नरेश उत्तर पूर्वी दिल्ली के गंगा विहार में रहता है। ऑफिस से तीन महीने की सैलरी न मिलने पर वो शिकायत करने शुक्रवार दोपहर 5 श्याम नाथ मार्ग स्थित आईएएस अधिकारी केएस मीणा के दफ्तर गया था। ऐसे में डीडीएमए में सीईओ के रूप में काम करने वाले केएस मीणा ने नरेश से कहा कि ये तुम्हारे ऑफिस का आपसी मामला है। तुम्हें वहां जाकर इस विषय में बात करनी चाहिए।

मदद नहीं मिली तो बच्चों को छोड़ भाग गया

इसके बाद नरेश उनके ऑफिस के बाहर जाकर बैठ गया। फिर वहां जैसे ही पुलिस आई तो वह अपने जुड़वा बच्चों को छोड़ भाग गया। बाद में सिक्योरिटी गार्ड ने इस बात की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद बच्चों को उनके पेरेंट्स के पास पहुंचाया गया। जानकारी के मुताबिक नरेश ज्योतिबा फुले हाउसिंग सोसाइटी में क्लर्क की नौकरी करता है।

पुलिस ने बच्चे माता पिता को सौंपे

उत्तरी दिल्ली के डीसीपी एन्टो अल्फोंसो ने भी बताया कि क्लर्क के रूप में काम करने वाले नरेश ने कहा कि उसे पिछले तीन चार महीनों से सलरी नहीं मिली है। इसलिए वह बच्चों को छोड़ भाग गया था। फिलहाल बच्चे सुरक्षित हैं और अपने माता पिता के पास ही हैं।

वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है? क्या आपको भी लॉकडाउन में सैलरी न मिलने जैसी समस्या का सामना करना पड़ा है?

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