अध्यात्म

शनि देव नाराज़ हैं तो उन्हें मानाने के लिए करें य यह काम, खुशियों से भर जाएगा जीवन

शनि को न्याय का देवता कहा जाता है और इस ग्रह के नाम से हर किसी को डर लगता है। शास्त्रों में शनि ग्रह का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि शनि देव लोगों को उनके कर्मों के अनुसार दंड या पुरस्कार देता हैं। इसलिए जो बुरे कर्म करते हैं, उन्हें शनि देव बुरा फल देता है। जबकि अच्छे कर्म करने वाले लोगों को शनि देव शुभ फल देते हैं।

शनि देव बेहद ही धीमी गति के ग्रह हैं। इसलिए कुल 12 राशियों का एक बार चक्कर काटने में शनि ग्रह को 30 वर्षों का समय लग जाता है। यानी एक राशि में दोबारा आने पर शनि को 30 वर्षों का समय लेते हैं। हर मनुष्य के जीवन में एक बार शनि की साढ़ेसाती जरूर लगती है और साढ़ेसाती का नाम सुनकर ही लोगों के मन में भय पैदा हो जाता है।

इन लोगों को मिलता है बुरा फल

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जो लोग ओरों का अपमान करते हैं। धोखा देते हैं या छल करते हैं, वो पाप के भाग्यदारी होते हैं। ऐसे लोगों को शनि देव केवल कष्ट ही पहुंचाते हैं। इतना ही नहीं अपने माता-पिता के साथ बुरा व्यवहार करना, पैसे चोरी करना व अधर्म का साथ देने वाले लोगों पर भी शनि की साढ़ेसाती का बुरा ही असर पड़ता है।

इन लोगों पर रहते हैं मेहरबान

जिन लोगों द्वारा अच्छा कार्य किए जाते हैं, उनपर शनि ग्रह मेहरबान रहते हैं और जीवन पर शनि की साढ़ेसाती का बुरा असर नहीं पड़ता है। जो लोग धर्म का साथ देते हैं। सदा अच्छा सोचते हैं, कभी भी गलत रास्ते पर नहीं चलते हैं और बड़ों का आदर करते हैं, उनसे शनिदेव प्रसन्न रहते हैं।

शनि कब होते हैं शुभ

जिन जातकों की कुंडली में शनि तीसरे, छठें, दसवें और ग्यारहवें भाव में होते हैं। उनपर शनिदेव का शुभ असर पड़ता है और भाग्य खुल जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनि सबसे ज्यादा शुभ और बलवान जातक की 36 और 42 वर्ष की आयु में होते हैं। अगर इस उम्र में शनि जातक की कुंडली में शुभ भाव में हो तो जीवन में केवल सफलताएं ही हाथ लगती है।

शनि को शुभ बनाने के कुछ उपाय

अगर आप भी चाहते हैं कि शनि देव आपकी कुंडली में बलवान बनें रहें। इसके लिए आप नीचे बताए गए उपायों को कर दें। ये उपाय करने से शनिदेव बलवान बन जाते हैं और आपको केवल शुभ फल ही प्रदान करते हैं।

  • शनिदेव की पूजा हर शनिवार को करें।
  • जब भी आप शनि देव की पूजा करें तो शनिदेव की आंखों में ना देखें। हमेशा अपना सिर झुकाकर ही उनकी पूजा करें।
  • शनि देव की पूजा करने के बाद हनुमान जी की पूजा भी जरूर करें और हनुमान जी को सरसों का तेल भी अर्पित करें। दरअसल हनुमान जी की पूजा करने से शनि देव प्रसन्न हो जाते हैं।
  • शनि जयंती, शनि अमावस्या या शनिवार के दिन जरूर शनि देव की पूजा करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • शनिवार के दिन काले तिल और लोहे से बनी चीजों का दान करें। हो सके तो लोगों को तली हुई चीज भी खिलाएं।
  • शनिवार के दिन शरीर या बालों पर सरसों का तेल लगाने से बचें।
  • गाय और कुत्तों को तेल में बनी चीजें खिलाएं।

करें इन मंत्रों का जाप

शनि देव को अपने अनुकूल बनाने के नीचे बताए गए मंत्रों को हर शनिवार के दिन पढ़ें। ऐसे करने से साढ़ेसाती आपके अनुकूल ही रहेगी और इससे आपको कोई भी हानि नहीं होगी।

पहला मंत्र

सूर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्षः शिवप्रियः

मंदचार प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु में शनिः

इस मंत्र के जाप से शनि जाने-अनजाने में हुए पापों और कष्टों से छुटकारा देते हैं

दूसरा मंत्र

नीलांजन समाभासं रवि पुत्रां यमाग्रजं।

छाया मार्तण्डसंभूतं तं नामामि शनैश्चरम्।।

इस मंत्र के जाप से शनि इंसान को सम्मान और सुख देते हैं

तीसरा मंत्र

ओम शं शनैश्चराय नमः।

ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।

कण्टकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा।।

शं शनैश्चराय नमः।

इस मंत्र के जाप से जीवन में फैली अशांति दूर होती है, बिगड़े काम बनने लगते हैं

चौथा मंत्र

ओम शं शनैश्चराय नमः।

कोणस्थ पिंगलो बभ्रु कृष्णौ रौद्रान्तको यमः।

सौरि शनैश्चरा मंद पिप्पलादेन संस्थितः।।

ओम शं शनैश्चराय नमः।

भूलकर भी ना करें ये काम-

आप इन कामों को करने से बचें। क्योंकि इन कार्यों को करने से शनि देव नाराज हो जाते हैं और आप पर साढ़ेसाती का बुरा असर पड़ता है।

  • शनिवार को लोहे की धातु ना खरीदें।
  • काले रंग की चीजें खरीदने से बचें।
  • फटें जूते ना पहनें।
  • शनिवार के दिन काले जूते ना खरीदें।

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