राजनीति

कोरोना काल में मसीहा बने सोनू सूद ने मांगी माफी, कहा- ‘मुझे माफ कर दीजिए अगर मुझसे….’

बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद इन दिनों कुछ लोगों के लिए मसीहा बनकर उभरे हैं। दरअसल कोरोना वैश्विक महामारी की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन लगा, जिसकी वजह से कई प्रवासी मजदूर दूसरे शहरों में फंस गए। इन्हीं मजदूरों और गरीबों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए सोनू सूद ने दिन रात मेहनत की। सबसे मुश्किल घड़ी में मजदूरों और गरीबों की सेवा करने के कारण वे इन लोगों के लिए भगवान की तरह बन गए। बता दें कि सोनू ने न सिर्फ घर पहुंचाने का काम किया बल्कि मजदूरों और गरीबों के लिए खाने और रहने का भी प्रबंध किया।

गौरतलब है कि सोनू सूद ने दूसरे शहरों और राज्यों में अटके भटके मजदूरों को उनके गृह राज्यों और नगरों तक भेजा। सोनू ने न सिर्फ देश के लोगों की बल्कि विदेश में रह रहे लोगों की भी मदद की। बता दें कि सोनू के मदद की कई कहानियां अब तक सामने आ चुकी हैं। ऐसे में कई लोगों को हैरानी होती है कि आखिर अभिनेता सोनू सूद ऐसा कैसे कर लेते हैं। इसी बीच सोनू सूद ने इस बात का खुलासा किया है कि वे कैसे लोगों की मदद कर पाते हैं। उन्होंने ये भी बताया है कि कैसे उन्हें एक दिन में मदद के लिए विभिन्न सोर्सेज से संदेश मिलते हैं।

सोनू सूद ने ट्वीट कर बताया ‘कैसे मिलते हैं हेल्प के मैसेज?’


सोनू सूद ने इस बारे में एक ट्वीट करके बताया। उनके ट्वीट के अनुसार एक दिन उन्हें 1137 हेल्प मैसेज मेल के माध्यम से प्राप्त हुए हैं। जबकि 19000 मैसेज फेसबुक से मिले हैं, वहीं दूसरे सोशल नेटवर्क साइट इंस्टाग्राम से  4812 मैसेज और 6741 संदेश ट्विटर के जरिए प्राप्त हुए हैं। सोनू ने इन आंकड़ों को पेश करते हुए लिखा कि हैल्प मैसेज की औसतन ये वो संख्या है, जो मदद के लिए मुझे प्राप्त होते हैं। साथ ही उन्होंने ये भी लिखा कि संदेश तो जरूर प्राप्त होते हैं, मगर इंसानी सीमाएं हैं जिसके मद्देनजर हर किसी तक पहुंच पाना मुमकिन नहीं है। बावजूद मैं पूरी कोशिश करता हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जाए। उन्होंने लिखा कि अगर मुझसे आपका मैसेज छूट गया है, तो क्षमाप्रार्थी हूं।

कोरोना काल के अनुभवों पर किताब लिखेंगे सोनू सूद…

गौरतलब है कि कोरोना वायरस की वजह सै पैदा हुए इस विकट परिस्थिति में बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं। सोनू लगातार मुंबई और महाराष्ट्र के दूसरे इलाकों में फंसे मजदूरों को घर पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इस काम के लिए उन्होंने स्पेशल ट्रेनों से लेकर बसों का भी इंतजाम किया। बहरहाल अभिनेता सोनू सूद कोरोना काल के इन खास अनुभवों को एक किताब के जरिए समेटना चाह रहे हैं। इस बात की जानकारी खुद सोनू ने दी है।

प्रवासियों की मदद करना जिंदगी का सबसे खास अनुभव…

एक्टर ने इस बारे में बात करते हुए कहा था कि पिछले करीब साढ़े तीन महीने एक तरीके से मेरे लिए जीवन को बदलने वाले अनुभव रहे हैं। प्रवासियों के साथ दिन में 16 से 18 घंटे तक रहना और लगातार उनका दर्द बांटना। मैं जब उन प्रवासियों को अलविदा कहने जाता था, तो मेरा दिल खुशी से भर जाता था। उनके चेहरे पर हंसी, खुशी के आंसू मेरी जिंदगी के सबसे खास अनुभवों में से एक हैं। उन्होंने वादा करते हुए कहा कि मैं तब तक ये काम करता रहूंगा, जब तक आखिरी प्रवासी अपने घर न पहुंच जाए। यही नहीं सोनू सूद ने मुंबई पुलिस को 25 हजार फेस शील्ड भी डोनेट किया था।

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