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कभी IPL पर लगाए थे संगीन आरोप, आज उसी को स्पॉन्सर करने की तैयारी में बाबा रामदेव

दुनिया की सबसे रोमांचक क्रिकेट लीग आईपीएल के 13वें सीजन का आगाज 19 सितंबर से यूएई में होने वाला है। ऐसे में आईपीएल 2020 के टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए बीसीसीआई की ओर से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। खास बात है कि इस बार आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप की दौड़ में बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि भी शामिल है। पतंजलि कंपनी के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने इस बात पर मुहर भी लगा दी है।

इस बार रामदेव की कंपनी ने आईपीएल में काफी दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन योगगुरू आईपीएल के पक्ष में कभी नहीं रहे हैं। वे आईपीएल को भारतीय संस्कृति के खिलाफ बता चुके हैं। साथ ही उन्होंने एक बार कहा था कि चीयर लीडर्स के कारण यह खेल काफी अश्लील हो गया है और आईपीएल की वजह से देश में जुआ और सट्टा का बाजार भी दिनों दिन बढ़ रहा है। ऐसे में बाबा रामदेव और उनकी कंपनी का आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप में दिलचस्पी दिखाना हैरानी भरा है। लिहाजा बाबा रामदेव एक बार फिर सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बन चुके हैं।

क्या आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप हासिल कर पाएगा पतंजलि?

बता दें कि आईपीएल की प्रायोजक कंपनी वीवो ने इस बार आईपीएल से अपना करार खत्म कर लिया है। ऐसे में बीसीसीआई आईपीएल 2020 के लिए कोई नया स्पॉन्शर तलाश रहा है। इसी बीच खबर है कि पंतजलि ने भी इसमें शामिल होने की इच्छा जताई है। कंपनी के प्रवक्ता की ओर से स्पॉन्सरशिप में शामिल होने की पुष्टि जरूर की गई है, मगर अभी कंपनी की ओर से अंतिम निर्णय आना बाकी है। हालांकि तिजारावाला ने कहा है कि हम इस साल आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप हासिल करने के बारे में सोच रहे हैं। हम ऐसा इसिलए कर रहे हैं, क्योंकि हम पतंजलि को एक वैश्विक ब्रांड बनाना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि वे बीसीसीआई को इस संबंध में एक प्रस्ताव जल्द ही भेजेंगे।

दूसरी तरफ बाजार के पंडितों का कहना है कि चीनी कंपनी वीवो के विकल्प के तौर पर पंतजलि का दावा काफी मजबूत है, लेकिन उनका कहना है कि अभी पतंजलि एक मल्टीनैशनल ब्रांड के तौर पर स्थापित नहीं हुई है और उसमें एक स्टार पावर की कमी है।

वीवो के बाद कौन?

भारत और चीन के बीच चल रहे तनानती के बीच चीनी ब्रांड वीवो ने इस बार आईपीएल से किनारा कर लिया है। बता दें कि वीवो आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए बीसीसीआई को हर साल 440 करोड़ रूपए का भुगतान करता था। मालूम हो कि वीवो ने अपना नाता सिर्फ 2020 के लिए तोड़ा है, जबकि अगले साल के लिए उसका रास्ता खुला है। वीवो और बीसीसीआई का अनुबंध 2022 तक है। कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते बाजार की खस्ता हालत है, ऐसे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड भी इस बात को समझता है कि इस बार कोई भी कंपनी वीवो जितना भुगतान नहीं कर सकेगी।

यह कंपनियां भी दौड़ में

बता दें कि पतंजलि के अलावा इंटरनेशनल ब्रांड एमेजॉन, फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनी ड्रीम 11 और ऑनलाइन लर्निंग कंपनी बायजूस भी इस साल आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप की दौड़ में शामिल हैं।

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