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अपराधी उमाकांत ने खोले कई राज, कहा-राक्षस था विकास दुबे, गांव वाले के मुंह पर कर दिया था पेशाब

कानपुर कांड के आरोपी उमाकांत शुक्ला ने कल पुलिस थाने में आत्मसमर्पण किया था और पुलिस के रहम की भीख मांगते हुए अपने अपराध को कबूल कर लिया था। वहीं जब पुलिस ने इससे विकास दुबे के बारे में पूछताछ की तो इसने कई सारे चौंकाने वाले खुलासे किए। विकास दुबे के साथी उमाकांत शुक्ला ने पुलिस को बताया कि विकास एक राक्षस था और लोगों की जान की कीमत को नहीं समझता था। उमाकांत शुक्ला के अनुसार गांव के लोग उससे डरते थे और जो वो कहता था वही किया करते थे। उमाकांत शुक्ला ने विकास दुबे की दरिंदगी के बारे में पुलिस को बताया कि वो खेतों पर कब्जा कर लेते था। वहीं एक बार जब एक ग्रामीण ने आवाज उठाई तो विकास ने उसे बीच गांव में पीटा और उसके मुंह पर पेशाब कर दी थी।

विकास के कहने पर चलाई गोलियां

उत्तर प्रदेश के कानपुर कांड के दौरान उमाकांत शुक्ला विकास के साथ था और इनसे भी पुलिस पर गोलियां चलाई थी। उमाकांत शुक्ला के अनुसार उसने विकास के कहने पर अपनी लाइसेंसी राइफल से पुलिस कर्मियों पर गालियां चलाई थी। वहीं पुलिस वालों को मारने के बाद विकास के कहने पर सब लोग अलग-अलग हो गए थे। जिसके बाद उमाकांत शुक्ला शहर दर शहर घूमता रहा। अपने साथियों का एनकाउंटर होता देख उमाकांत शुक्ला डर गया और उसने थाने में सरेंडर कर दिया।

उमाकांत शुक्ला कल अपनी पत्नी और बेटी के साथ चौबेपुर थाने पहुंचा था और पुलिस के सामने इसने सरेंडर किया। इस दौरान उमाकांत शुक्ला ने गले में तख्ती भी लटकाई थी। जिसमें उसने अपने अपराध को कबूल किया था। उमाकांत शुक्ला ने पुलिस से रहम की गुहार लगाते हुए कहा था कि मैं सरेंडर करने आया हूं। मेरा नाम उमाकांत शुक्ला उर्फ गुड्डन है और कानपुर कांड में मैं विकास दुबे के साथ शामिल था।

पुलिस रही पकड़ने में नाकाम

उमाकांत बिकरू गांव व चौबेपुर के आसपास ही छुपा हुआ था और इसे पकड़ने के लिए पुलिस केवल इसके घर पर ही दबिश देती रही। इस दौरान उमाकांत को उसके एक करीबी ने थाने में सरेंडर करने की सलाह दी। जिसके बाद इसने अपने आत्मसमर्पण कर दिया।

गौरतलब है कि 2 जुलाई की रात को कानपुर के बिकरु गांव में विकास दुबे ने कई बदमाशों के साथ मिलकर पुलिस पर हमला किया था। इस हमले में 8 पुलिस वाले शहीद हो गए थे। वहीं पुलिस ने विकास दुबे सहित उसके कई साथियों का एनकाउंटर कर दिया है। जबकि बचे हुए आरोपियों की तलाश जारी है। वारदात के तुरंत बाद पुलिस ने प्रेम प्रकाश और अतुल दुबे को मार गिराया था। इसके बाद जहान सिंह, श्यामू बाजपेई समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। जबिक अन्य सभी गिरफ्तारियां एसटीएफ की टीम ने कीं। विकास दुबे मारा जा चुका है और एक आरोपी को इटावा पुलिस ने ढेर किया है। पिछले सप्ताह आरोपी गोपाल सैनी ने भी सरेंडर किया था। वहीं अब उमाकांत ने भी थाने में सरेंडर कर दिया। जबकि अभी भी जिलेदार, शिव तिवारी, हीरू दुबे से जैसे बदमाश फरार हैं और पुलिस इनकी खोज में लगी हुई है।

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