समाचार

विकास दुबे के साथी ने एनकाउंटर के डर से किया सरेंडर, बोला-आत्मसमर्पण किया है, जान की रक्षा करना

उत्तर प्रदेश के कानपुर कांड के कई सारे आरोपी अभी भी फरार हैं और इनकी तलाश में यूपी पुलिस जुटी हुई है। इस कांड में फरार आरोपियों के ऊपर इनाम भी रखा गया है। कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को पहले ही पुलिस ने मार गिराया है और उसके बचे हुए साथियों की खोज में पुलिस लगी हुई है। जिस सख्ती के साथ पुलिस की और से कार्रवाई और एनकाउंटर किए गए हैं। उससे फरार आरोपी डरे हुए हैं और एनकाउंटर होने के डर की वजह से सामने नहीं आ रहे हैं। हालांकि एक आरोपी ने हिम्मत कर पुलिस के सामने अपना आत्मसमर्पण कर दिया है और पुलिस से रोते हुए गुजारिश की है कि उसका एनकाउंटर ना करें। इस आरोपी का नाम  उमाकांत शुक्ला है।

उत्तर प्रदेश के कानपुर कांड को अंजाम देने वाले विकास दुबे के साथी उमाकांत शुक्ला ने शनिवार को पुलिस थाने में आकर आत्मसमर्पण किया है। बताया जा रहा का कि आरोपी उमाकांत शुक्ला अपनी पत्नी और बेटी के साथ खुद चौबेपुर थाने पहुंचा और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। इस दौरान उमाकांत शुक्ला ने गले में तख्ती भी लटकाई थी। जिसमें उसने लिखा था कि वो विकास दुबे का साथी है और कानपुर कांड का दोषी है।

मांगी रहम की भिख

उमाकांत शुक्ला ने पुलिस से रहम की गुहार लगाते हुए कहा कि मैं सरेंडर करने आया हूं। मेरा नाम उमाकांत शुक्ला उर्फ गुड्डन है और कानपुर कांड में मैं विकास दुबे के साथ शामिल था। पुलिस मेरी तलाश कर रही है और रोज छापेमारी कर रही है। जिससे की मैं डरा हुआ हूं। मैं अपना आत्मसमर्पण कर रहा हूं. मेरी जान की रक्षा की जाए, मुझ पर रहम किया जाए।

बेटी ने भी की पुलिस से गुजारिश

उमाकांत शुक्ला की बेटी और पत्नी भी इस दौरान उसके साथ ही थे और उमाकांत शुक्ला की बेटी ने भी पुलिस से कहा कि उसके पापा को ना मारें। उसके पापा सरेंडर करने आए हैं, पुलिस उस पर रहम करे।

गौरतलब है कि 2 जुलाई की रात को कानपुर के बिकरु गांव में विकास दुबे ने अपने कई सारे साथियों के साथ मिलकर पुलिस की टीम पर हमला कर दिया था। इस हमले में 8 पुलिस वाले शहीद हो गए थे। पुलिस वालों को मारने के बाद से ही विकास दुबे और उसके साथी फरार थे। हालांकि पुलिस ने इस मामले में विकास दुबे सहित कई आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया है।

विकास दुबे को उज्जैन से पकड़ गया था और कानपुर लाते समय उसका एनकाउंटर किया गया था। एनकाउंटर से बचने के लिए विकास दुबे मीडिया के सामने बार-बार चिलाकर बोल रहा था कि मैं विकास दुबे कानुपर वालों हूं। विकास को लगा कि ऐसा करने से पुलिस उसका एनकाउंटर नहीं करेगी। लेकिन कानपुर पहुंचने से ठीक थोड़े समय पहले पुलिस की गाड़ी पलट गई और गाड़ी में मौजूद विकास ने भागने की कोशिश की। जिसके कारण उसका एनकाउंटर कर दिया गया।

वहीं कानपुर कांड के बचे हुए आरोपियों की तलाश पुलिस कर रही है। उमाकांत शुक्ला भी इन्हें आरोपियों में से एक था जो कि लंबे समय से छुपा हुआ था। हालांकि अब इसने सामने आकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है और पुलिस से रहम करने को बोला है।

Back to top button