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सुशांत केस: अर्णब गोस्वामी ने उद्धव को चुनौती देते हुए कहा है कि कान खोलकर सुन लो उद्धव ठाकरे..

जाने माने टी.वी एंकर अर्णब गोस्वामी ने सुशांत सिंह राजपूत केस में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को खुली चुनौती दी है और कहा है कि अगर इस मामले से उनकी पार्टी शिवसेना का कोई नेता जुड़ा हुआ पाया गया। तो उनकी कुर्सी जाएगी। अर्णब गोस्वामी ने अपने शो के दौरान ये चुनौती उद्धव ठाकरे को दी है।

अर्णब गोस्वामी ने उद्धव ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा है कि कान खोलकर सुन लो उद्धव ठाकरे अगर शिवसेना का कोई भी जूनियर और सीनियर नेता का लिंक इस केस से हुआ, तो तुम्हारी कुर्सी जाएगी। ये पहली बात और दूसरी बात दिशा की पार्टी में 9 तारीख को कौन-कौन गया था। अगर शिवसेना का कोई नेता निकला तो उद्धव ठाकरे तुम्हारी कुर्सी जाएगी सरकार जाएगी। दुनिया के लोग तुम से सवाल करेंगे।

सुशांत केस में अर्णब गोस्वामी शुरू से ही ये दावा कर रहे हैं कि उनकी हत्या की गई है। अर्णब गोस्वामी का कहना है कि उनके पास काफी सारे सबूत है जो साफ तौर पर यही इशारा करते हैं कि सुशांत और दिशा को मारा गया है। अर्णब गोस्वामी के अनुसार दिशा के साथ पार्टी के दौरान कुछ हुआ था। जिसके बारे में दिशा ने सुशांत को बताया था। वहीं दिशा ने कुछ दिनों बाद खुदकुशी कर ली। अर्णब गोस्वामी के अनुसार सुशांत इस मामले में प्रेस को कुछ जानकारी देने वाले थे और सुशांत ने अपने करीबी दोस्तों से ये बात भी की थी। लेकिन जो लोग दिशा की हत्या में शामिल थे, उन्हें इस बारे में जानकारी लग गई थी और उन्होंने सुशांत की हत्या कर दी।

पेश किए कई सारे सबूत

इस मामले में अर्णब गोस्वामी ने कई सारे सबूत भी पेश किए हैं। अर्णब गोस्वामी के चैनल ने सुशांत के उन दोस्तों से भी बात की है जिन्हें ये पता है कि आखिर कौन वो लोग थे। जिन्होंने दिशा के साथ गलत किया था। अर्णब गोस्वामी ने सुशांत के दोस्तों के आधार पर कहा है कि जिस पार्टी में दिशा थी। वहां पर एक राजनेता और कई जाने माने अभिनेता मौजूद थे। वहीं पार्टी में दिशा के साथ कुछ गलत हुआ और दिशा ने सुशांत को इस बारे में जानकारी दी। जिसके चलते सुशांत को भी मार दिया गया।

सुशांत की आत्महत्या पर उठाए सवाल

मुंबई पुलिस इस मामले में सही से जांच नहीं कर रही है। मुंबई पुलिस सुशांत की हत्या को खुदकुशी का ही मामला बता रही है। लेकिन अर्णब गोस्वामी का कहना है कि ये सब एक राजनेता के दवाब में किया जा रहा है। मुंबई पुलिस को एक राजनेता का फोन आया था जिसके बाद इस केस को खुदकुशी का केस कहा जाने लगा। इतना ही नहीं अर्णब गोस्वामी का ये भी कहना है कि जब पुलिस सुशांत के घर पहुंची थी। तो उनका शव बेड पर था। यानी मुंबई पुलिस ने अपनी आंखों से सुशांत का शव पंखे से लटका हुआ नहीं देखा है। तो ऐसे में मुंबई पुलिस कैसे बोल सकती है कि सुशांत ने आत्महत्या की है। सुशांत की बहन ने भी सुशांत को पंखे से लटका हुआ नहीं देखा है और साथ में ही उनके घर से कोई सुसाइट नोट भी नहीं मिला है। वहीं पंखे और बेड के बीच की लंबाई सुशांत जीतनी ही थी। ऐसे में सुशांत कैसे फंसी लगा सकते हैं।

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